दलाई लामा
तेनजिन ग्यात्सो
SAINTS
10/16/20241 मिनट पढ़ें
दलाई लामा ( तेनजिन ग्यात्सो ), 14वें दलाई लामा, तिब्बती बौद्ध धर्म के सबसे उच्च आध्यात्मिक नेता हैं और तिब्बती लोगों के बीच एक प्रमुख व्यक्तित्व के रूप में जाने जाते हैं। उनका जन्म 6 जुलाई 1935 को उत्तर-पूर्वी तिब्बत के ताक्स्टर गांव में हुआ था। उनका मूल नाम ल्हामो धोन्डुप था, लेकिन 2 साल की उम्र में उन्हें 13वें दलाई लामा के अवतार के रूप में पहचाना गया और बाद में उनका नाम तेनजिन ग्यात्सो रखा गया।
प्रमुख जीवन घटनाएँ:
1. अवतार के रूप में मान्यता: तिब्बती परंपरा के अनुसार, दलाई लामा तिब्बती बौद्ध धर्म की गेलुग परंपरा के बोधिसत्व अवलोकितेश्वर (करुणा के बोधिसत्व) का पुनर्जन्म माने जाते हैं। 2 साल की उम्र में उन्हें 13वें दलाई लामा का पुनर्जन्म घोषित किया गया।
2. धार्मिक शिक्षा: दलाई लामा ने 6 साल की उम्र में धर्मशास्त्र, तर्कशास्त्र, बौद्ध दर्शन और अन्य विषयों की शिक्षा लेना शुरू की। 1959 में उन्होंने अपनी धार्मिक शिक्षा पूरी की और "गेशे" की उपाधि प्राप्त की, जो बौद्ध धर्म में एक डॉक्टरेट के बराबर है।
3. तिब्बत से निर्वासन: 1950 में चीन ने तिब्बत पर कब्जा कर लिया, और दलाई लामा को उस समय 15 वर्ष की उम्र में तिब्बत का राजनीतिक नेता घोषित किया गया। लेकिन 1959 में तिब्बती विद्रोह के बाद, चीन की आक्रामकता के कारण दलाई लामा को तिब्बत छोड़कर भारत में शरण लेनी पड़ी। भारत में उन्होंने धर्मशाला को अपना मुख्यालय बनाया, जहां से वे तिब्बती निर्वासित सरकार का संचालन करते हैं।
4. शांति और अहिंसा का प्रचार: दलाई लामा ने हमेशा अहिंसा (अहिंसा) और शांति का समर्थन किया है। उन्होंने तिब्बत की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष के बजाय तिब्बतियों के लिए वास्तविक स्वायत्तता की मांग की है, और उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंच पर तिब्बती मुद्दों को उठाने का प्रयास किया है। उनके अहिंसक दृष्टिकोण और मानवता के लिए योगदान के लिए उन्हें 1989 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
धार्मिक और दार्शनिक दृष्टिकोण:
दलाई लामा तिब्बती बौद्ध धर्म की गेलुग परंपरा का पालन करते हैं, जो बौद्ध धर्म की चार प्रमुख परंपराओं में से एक है। उनका जीवन करुणा, सहानुभूति और मानवता की सेवा पर आधारित है। वे मानव मूल्यों, धार्मिक सद्भाव, और सार्वभौमिक ज़िम्मेदारी पर विशेष जोर देते हैं। उनका मानना है कि हर इंसान में करुणा और प्रेम की क्षमता है, और इन्हीं गुणों से विश्व में शांति और सौहार्द स्थापित किया जा सकता है।
मुख्य सिद्धांत और शिक्षाएँ:
1. करुणा और प्रेम: दलाई लामा का मानना है कि करुणा और प्रेम ही सभी समस्याओं का समाधान हैं। वे मानव जीवन के मूलभूत अधिकारों की रक्षा के पक्षधर हैं और सभी प्रकार के संघर्षों के समाधान के लिए अहिंसक तरीकों का समर्थन करते हैं।
2. धार्मिक सद्भावना: दलाई लामा सभी धर्मों के प्रति सम्मान रखते हैं और विभिन्न धार्मिक समूहों के बीच शांति और संवाद को प्रोत्साहित करते हैं।
3. पर्यावरण संरक्षण: दलाई लामा का मानना है कि पर्यावरण की सुरक्षा और संतुलन मानवता के भविष्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। वे जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय संकटों के प्रति जागरूकता बढ़ाने का काम भी करते हैं।
वर्तमान जीवन:
आज, दलाई लामा वैश्विक स्तर पर शांति, करुणा, और धार्मिक सद्भाव के प्रतीक के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने कई पुस्तकों की रचना की है और विभिन्न देशों में यात्रा करके अपने सिद्धांतों का प्रचार किया है। वे तिब्बती लोगों के लिए प्रेरणा के स्रोत बने हुए हैं और दुनियाभर में एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक नेता के रूप में सम्मानित किए जाते हैं।
दलाई लामा ने कई महत्वपूर्ण पुस्तकें लिखी हैं जो करुणा, धर्म, शांति और मानवता पर आधारित हैं। ये पुस्तकें उनके विचारों, शिक्षाओं, और व्यक्तिगत अनुभवों का निचोड़ प्रस्तुत करती हैं। यहाँ उनकी कुछ प्रमुख पुस्तकों के सारांश दिए जा रहे हैं:
1. The Art of Happiness (खुशी की कला)
- इस पुस्तक में दलाई लामा ने मानव जीवन में खुश रहने के महत्व पर प्रकाश डाला है। उनके अनुसार, खुशी बाहरी चीज़ों से नहीं, बल्कि हमारे आंतरिक मानसिकता से आती है। पुस्तक में विभिन्न मनोवैज्ञानिक और बौद्ध शिक्षाओं को मिलाकर यह बताया गया है कि कैसे हम अपने जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण को अपनाकर, करुणा और आत्म-नियंत्रण से स्थायी खुशी प्राप्त कर सकते हैं। लेखक बताते हैं कि मानसिक शांति और सहानुभूति का अभ्यास हमारे जीवन को बेहतर बना सकता है।
2. The Universe in a Single Atom (एक ब्रह्मांड एक अणु में)
- यह पुस्तक विज्ञान और धर्म के बीच के संबंधों को समझाने की कोशिश करती है। दलाई लामा ने इस पुस्तक में बताया है कि कैसे विज्ञान और बौद्ध दर्शन एक दूसरे के पूरक हो सकते हैं। वे क्वांटम फिजिक्स, न्यूरोसाइंस और बौद्ध शिक्षाओं के बारे में अपने विचारों को साझा करते हैं और कहते हैं कि विज्ञान और धर्म, दोनों मिलकर हमारे जीवन की जटिलताओं को समझने में हमारी मदद कर सकते हैं। उनके अनुसार, दोनों दृष्टिकोणों के बीच संवाद आवश्यक है ताकि हम जीवन और ब्रह्मांड की वास्तविकता को बेहतर तरीके से समझ सकें।
3. The Book of Joy (आनंद की पुस्तक)
- यह पुस्तक दलाई लामा और आर्कबिशप डेसमंड टूटू के बीच हुई बातचीत पर आधारित है। इसमें खुशी, सहनशीलता और आंतरिक शांति के बारे में गहरी चर्चा की गई है। दोनों आध्यात्मिक नेता कठिनाइयों और दुखों के बीच भी खुश रहने के तरीकों को साझा करते हैं। वे बताते हैं कि खुशी बाहरी स्थितियों पर निर्भर नहीं करती, बल्कि आंतरिक दृष्टिकोण और मानसिकता पर निर्भर करती है। इसमें इस बात पर जोर दिया गया है कि आंतरिक शांति, करुणा और दूसरों की भलाई के लिए काम करना ही असली खुशी की कुंजी है।
4. How to Practice: The Way to a Meaningful Life (जीवन का सार्थक मार्ग कैसे अपनाएं)
- यह पुस्तक एक गाइड के रूप में लिखी गई है, जिसमें दलाई लामा ने व्यावहारिक सुझाव दिए हैं कि कैसे हम बौद्ध धर्म की शिक्षाओं को अपने दैनिक जीवन में लागू कर सकते हैं। इसमें मानसिक अनुशासन, करुणा, ध्यान, और नैतिकता के महत्व पर प्रकाश डाला गया है। वे बताते हैं कि मानसिक शांति और आत्म-विकास के लिए ध्यान और करुणा का अभ्यास करना अत्यंत आवश्यक है। यह पुस्तक आत्म-ज्ञान प्राप्त करने और अपने जीवन को अधिक सार्थक बनाने के लिए एक रोडमैप के रूप में कार्य करती है।
5. My Land and My People (मेरी भूमि और मेरे लोग)
- यह दलाई लामा की आत्मकथा है, जिसमें उन्होंने अपने बचपन, तिब्बत के आध्यात्मिक और राजनीतिक नेता के रूप में उनकी भूमिका, और तिब्बत पर चीनी आक्रमण के बारे में लिखा है। इसमें उनके निर्वासन, तिब्बती लोगों के संघर्ष, और तिब्बत की स्वतंत्रता के लिए अहिंसक आंदोलन के बारे में भी चर्चा की गई है। यह पुस्तक न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन की कहानी बताती है, बल्कि तिब्बत की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के बारे में भी जानकारी देती है।
6. Freedom in Exile (निर्वासन में स्वतंत्रता)
- यह भी दलाई लामा की आत्मकथा है, जो उनके तिब्बत छोड़ने के बाद के जीवन पर आधारित है। इसमें उन्होंने अपने निर्वासन के अनुभवों, तिब्बती संस्कृति को संरक्षित रखने के उनके प्रयासों और विश्व में शांति और करुणा फैलाने के लिए किए गए कार्यों का वर्णन किया है। पुस्तक में दलाई लामा ने बताया है कि कैसे तिब्बत की आज़ादी के लिए उनका संघर्ष अहिंसक बना रहा और उनके निर्वासन के दौरान भी उन्होंने तिब्बतियों के अधिकारों के लिए संघर्ष जारी रखा।
7. Ethics for the New Millennium (नए सहस्राब्दी के लिए नैतिकता)
- इस पुस्तक में दलाई लामा ने आधुनिक समाज में नैतिकता और करुणा के महत्व पर जोर दिया है। वे कहते हैं कि आज की दुनिया में व्यक्तिगत और सामाजिक स्तर पर नैतिकता का पालन करना बेहद ज़रूरी है। इस पुस्तक में उन्होंने मानवीय मूल्यों जैसे करुणा, प्रेम, और जिम्मेदारी के बारे में विस्तार से लिखा है। उनका मानना है कि भले ही हम किसी भी धर्म के अनुयायी हों या न हों, नैतिक मूल्यों का पालन करना एक सुखी और शांतिपूर्ण जीवन के लिए आवश्यक है।
8. The Dalai Lama’s Cat (दलाई लामा की बिल्ली)
- यह एक अद्वितीय पुस्तक है, जो दलाई लामा की बिल्ली के दृष्टिकोण से लिखी गई है। इस पुस्तक में बिल्ली के माध्यम से दलाई लामा की शिक्षाओं और उनके दैनिक जीवन के बारे में मजेदार और गहरे विचार साझा किए गए हैं। यह पुस्तक जीवन में छोटी-छोटी बातों से सीखने और खुशी पाने के बारे में है। यह एक रोचक और सरल तरीके से आध्यात्मिकता की महत्वपूर्ण शिक्षाओं को प्रस्तुत करती है।
ये सभी पुस्तकें जीवन की गहरी सच्चाइयों को सरल और समझने योग्य तरीके से प्रस्तुत करती हैं, और दलाई लामा के शिक्षाओं और उनके विचारों को व्यापक रूप से दर्शाती हैं।
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