हिन्दी पंचांग
मास एवं तिथियाँ
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11/18/20241 मिनट पढ़ें
भारतीय गणना पद्धति
हिंदी महीनों के नाम और उनका विस्तृत वर्णन
हिंदी कैलेंडर (पंचांग) में महीनों का निर्धारण चंद्रमा की गति के अनुसार होता है। इस कारण इसे चंद्र कैलेंडर या वैदिक पंचांग भी कहते हैं। हिंदी महीनों का उपयोग भारत की सांस्कृतिक, धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों में प्रमुख रूप से होता है। प्रत्येक माह में सूर्य और चंद्रमा की स्थिति का महत्व है।
हिंदी महीनों के नाम
1. चैत्र (Chaitra)
2. वैशाख (Vaishakha)
3. ज्येष्ठ (Jyeshtha)
4. आषाढ़ (Ashadha)
5. श्रावण (Shravana)
6. भाद्रपद (Bhadrapada)
7. आश्विन (Ashwin)
8. कार्तिक (Kartika)
9. मार्गशीर्ष (Margashirsha)
10. पौष (Pausha)
11. माघ (Magha)
12. फाल्गुन (Phalguna)
महीनों का विस्तार से वर्णन
1. चैत्र (Chaitra)
- समय: मार्च-अप्रैल
- महत्व:
- यह वर्ष का पहला महीना है।
- वसंत ऋतु का प्रारंभ।
- त्योहार: चैत्र नवरात्रि, रामनवमी।
- कृषि में नयी फसल की शुरुआत होती है।
2. वैशाख (Vaishakha)
- समय: अप्रैल-मई
- महत्व:
- वसंत ऋतु का चरम।
- त्योहार: अक्षय तृतीया, बुद्ध पूर्णिमा।
- धार्मिक दृष्टि से इसे पुण्य का महीना माना जाता है।
3. ज्येष्ठ (Jyeshtha)
- समय: मई-जून
- महत्व:
- गर्मी का चरम समय।
- त्योहार: गंगा दशहरा, निर्जला एकादशी।
- इस महीने में जल का महत्व विशेष रूप से बढ़ जाता है।
4. आषाढ़ (Ashadha)
- समय: जून-जुलाई
- महत्व:
- वर्षा ऋतु की शुरुआत।
- त्योहार: आषाढ़ी एकादशी, योगिनी एकादशी।
- इस महीने में ध्यान और साधना का महत्व।
5. श्रावण (Shravana)
- समय: जुलाई-अगस्त
- महत्व:
- मानसून का मुख्य समय।
- त्योहार: श्रावण सोमवार, रक्षाबंधन, नाग पंचमी।
- भगवान शिव की पूजा के लिए यह महीना सबसे महत्वपूर्ण है।
6. भाद्रपद (Bhadrapada)
- समय: अगस्त-सितंबर
- महत्व:
- बारिश का अंत और शरद ऋतु की शुरुआत।
- त्योहार: जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी, हरितालिका तीज।
- इस महीने में धार्मिक आयोजन विशेष रूप से प्रचलित हैं।
7. आश्विन (Ashwin)
- समय: सितंबर-अक्टूबर
- महत्व:
- शरद ऋतु का आगमन।
- त्योहार: शारदीय नवरात्रि, विजयादशमी (दशहरा)।
- धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से यह महीना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
8. कार्तिक (Kartika)
- समय: अक्टूबर-नवंबर
- महत्व:
- शरद ऋतु का चरम।
- त्योहार: दीपावली, कार्तिक पूर्णिमा।
- इसे दीप और प्रकाश का महीना कहा जाता है।
9. मार्गशीर्ष (Margashirsha)
- समय: नवंबर-दिसंबर
- महत्व:
- ठंड का आरंभ।
- त्योहार: गीता जयंती।
- इसे "अगहन" भी कहते हैं। यह भगवान कृष्ण का प्रिय महीना है।
10. पौष (Pausha)
- समय: दिसंबर-जनवरी
- महत्व:
- ठंड का चरम समय।
- त्योहार: पौष पूर्णिमा।
- धार्मिक दृष्टि से यह ध्यान और आत्मनिरीक्षण का महीना है।
11. माघ (Magha)
- समय: जनवरी-फरवरी
- महत्व:
- ठंड का समापन।
- त्योहार: माघ पूर्णिमा, बसंत पंचमी।
- गंगा स्नान और धार्मिक अनुष्ठान का महीना।
12. फाल्गुन (Phalguna)
- समय: फरवरी-मार्च
- महत्व:
- वसंत ऋतु की शुरुआत।
- त्योहार: होली, महाशिवरात्रि।
- यह उत्सवों और उल्लास का महीना है।
हिंदी महीनों का प्रकृति और कृषि से संबंध
- चैत्र और वैशाख: नयी फसल की बुवाई।
- श्रावण और भाद्रपद: मानसून और खेती का समय।
- कार्तिक और मार्गशीर्ष: कटाई और भंडारण।
- पौष और माघ: ठंड और आराम का समय।
विशेषताएं:
1. हिंदी महीनों का नाम प्रकृति और ऋतुओं पर आधारित है।
2. त्योहार और अनुष्ठान चंद्र कैलेंडर के अनुसार मनाए जाते हैं।
3. यह प्रणाली भारतीय परंपराओं, धार्मिक गतिविधियों और कृषि से गहराई से जुड़ी हुई है।
इस प्रकार हिंदी महीनों का हमारे जीवन, पर्यावरण और संस्कृति में गहरा महत्व है।
हिंदी महीनों में प्रयोग होने वाली तिथियां, होरा और नक्षत्रों का विस्तृत विवरण
1. तिथियां (Lunar Days)
तिथि का मतलब चंद्रमा और सूर्य के बीच के कोणीय अंतर से है। हिंदू पंचांग में 30 तिथियां होती हैं, जो दो पक्षों में बंटी होती हैं:
- शुक्ल पक्ष (Waxing phase): अमावस्या से पूर्णिमा तक।
- कृष्ण पक्ष (Waning phase): पूर्णिमा से अमावस्या तक।
तिथियों के प्रकार और महत्व:
1. प्रतिपदा: शुभ कार्यों की शुरुआत।
2. द्वितीया: यात्रा और मित्रों से मिलने के लिए शुभ।
3. तृतीया: सोना और आभूषण खरीदने के लिए उत्तम।
4. चतुर्थी: गणेश पूजा और कष्ट निवारण के लिए।
5. पंचमी: विद्या, और आध्यात्मिक कार्यों के लिए।
6. षष्ठी: व्रत और शक्ति पूजा के लिए।
7. सप्तमी: चिकित्सा और सूर्य उपासना के लिए।
8. अष्टमी: शक्ति उपासना (अष्टमी तिथि में देवी पूजन)।
9. नवमी: विजय प्राप्ति के लिए।
10. दशमी: धार्मिक यात्रा और शुभ कार्य।
11. एकादशी: व्रत और मोक्ष प्राप्ति के लिए।
12. द्वादशी: धार्मिक कर्मकांड।
13. त्रयोदशी: धनतेरस जैसे कार्य।
14. चतुर्दशी: तांत्रिक उपासना और ध्यान के लिए।
15. अमावस्या / पूर्णिमा: विशेष पूजन, ध्यान और ज्योतिषीय उपाय।
2. होरा (Hora)
होरा समय की एक इकाई है, जो एक दिन-रात (24 घंटे) में 24 होरा में विभाजित होती है। हर होरा का स्वामी एक ग्रह होता है, और यह स्वामित्व ज्योतिषीय उपायों, कार्यों की योजना और शुभ समय के निर्धारण में उपयोगी होता है।
होरा क्रम:
1. सूर्य होरा: सत्ता, ऊर्जा, और प्रशासनिक कार्यों के लिए।
2. चंद्र होरा: मानसिक शांति, यात्रा, और सृजन के लिए।
3. मंगल होरा: साहस, संघर्ष और विवाद समाधान।
4. बुध होरा: शिक्षा, व्यापार, और संचार।
5. गुरु होरा: आध्यात्मिक कार्य और धन संबंधी।
6. शुक्र होरा: कला, सौंदर्य, और वैवाहिक कार्य।
7. शनि होरा: कठिन कार्य, न्याय, और दीर्घकालीन योजनाओं के लिए।
3. नक्षत्र (Constellations)
नक्षत्र चंद्रमा की 27 परिक्रमा पथों को दर्शाते हैं। प्रत्येक नक्षत्र का एक स्वामी और विशेष प्रभाव होता है।
27 नक्षत्र और उनके स्वामी:
1. अश्विनी: केतु - यात्रा, चिकित्सा।
2. भरणी: शुक्र - जन्म और मृत्यु।
3. कृतिका: सूर्य - ऊर्जा और शक्ति।
4. रोहिणी: चंद्र - सौंदर्य, आकर्षण।
5. मृगशिरा: मंगल - साहस और यात्रा।
6. आर्द्रा: राहु - परिवर्तन और क्रोध।
7. पुनर्वसु: गुरु - संतोष और पुनः आरंभ।
8. पुष्य: शनि - पोषण और अध्यात्म।
9. आश्लेषा: बुध - चतुराई और गुप्त कार्य।
10. मघा: केतु - पूर्वजों का आशीर्वाद।
11. पूर्वाफाल्गुनी: शुक्र - विवाह और रचनात्मकता।
12. उत्तराफाल्गुनी: सूर्य - परोपकार।
13. हस्त: चंद्र - कला और कारीगरी।
14. चित्रा: मंगल - सौंदर्य और वास्तुकला।
15. स्वाति: राहु - स्वतंत्रता और व्यापार।
16. विशाखा: गुरु - उद्देश्य और प्रयास।
17. अनुराधा: शनि - मित्रता और भक्ति।
18. ज्येष्ठा: बुध - नेतृत्व।
19. मूल: केतु - गहनता और रहस्य।
20. पूर्वाषाढ़ा: शुक्र - विजय।
21. उत्तराषाढ़ा: सूर्य - स्थायित्व।
22. श्रवण: चंद्र - शिक्षा और ज्ञान।
23. धनिष्ठा: मंगल - समृद्धि।
24. शतभिषा: राहु - चिकित्सा।
25. पूर्वाभाद्रपद: गुरु - रहस्यमय शक्तियां।
26. उत्तराभाद्रपद: शनि - स्थिरता।
27. रेवती: बुध - समृद्धि और सौभाग्य।
नक्षत्र का उपयोग:
- विवाह मुहूर्त, गृह प्रवेश, और अन्य शुभ कार्यों के लिए।
- हर नक्षत्र का अपना विशेष प्रभाव और उपाय होते हैं।
ज्योतिष में तिथि, होरा और नक्षत्र का महत्व अत्यंत गहरा है। शुभ और अशुभ समय का निर्धारण, कार्य की सफलता, और व्यक्तिगत समस्याओं का समाधान इन्हीं के आधार पर किया जाता है। इनका अध्ययन और सही उपयोग जीवन को सफल और सुखमय बना सकता है।
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