नीम करौली बाबा

बाबा नीब करोरी

NEW CHETNA

11/27/20241 मिनट पढ़ें

 नीम करौली बाबा

नीम करौली बाबा (जिन्हें बाबा नीब करोरी भी कहा जाता है) 20वीं शताब्दी के एक प्रसिद्ध भारतीय संत और महान आध्यात्मिक गुरु थे। उनकी जीवन यात्रा प्रेरणादायक, चमत्कारिक और रहस्यमयी है। उनका नाम श्रद्धालुओं के बीच एक दिव्य संत के रूप में लिया जाता है, और उनके द्वारा किए गए चमत्कारों की अनगिनत कहानियाँ प्रचलित हैं।

प्रारंभिक जीवन:

नीम करौली बाबा का जन्म उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के अकबरपुर गाँव में 1900 के आसपास हुआ था। उनका असली नाम लक्ष्मी नारायण शर्मा था। वे एक ब्राह्मण परिवार से थे और उनका पालन-पोषण धार्मिक वातावरण में हुआ।

आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत:

नीम करौली बाबा का आध्यात्मिक जीवन बहुत ही रहस्यमय रहा। वे छोटी उम्र में ही सांसारिक जीवन से विरक्त हो गए और साधुओं के साथ अपना जीवन व्यतीत करने लगे। उन्होंने पूरे भारत में अनेक स्थानों पर भ्रमण किया और ध्यान-साधना की।

उनकी आध्यात्मिक जागृति और चमत्कारों की पहली घटना मानी जाती है जब वे एक बार ट्रेन में बिना टिकट यात्रा कर रहे थे। ट्रेन के गार्ड ने उन्हें नीचे उतार दिया, लेकिन ट्रेन तब तक आगे नहीं बढ़ सकी, जब तक उन्हें वापस नहीं बुलाया गया। तब से उन्हें 'नीम करौली बाबा' कहा जाने लगा, क्योंकि यह घटना करौली नामक गाँव के पास हुई थी।

जीवन का उद्देश्य:

नीम करौली बाबा का जीवन मानवता की सेवा और भक्ति के संदेश को समर्पित था। उन्होंने कभी औपचारिक रूप से किसी संस्था का निर्माण नहीं किया, लेकिन उनके भक्तों ने उनके नाम से कई मंदिर और आश्रम बनाए।

उनके प्रमुख आश्रम:

  1. कैंची धाम आश्रम (नैनीताल के पास): यह बाबा का सबसे प्रसिद्ध आश्रम है और लाखों श्रद्धालु यहाँ आते हैं।

  2. वृंदावन आश्रम: यहाँ उन्होंने अंतिम समय बिताया।

  3. लखनऊ आश्रम और फर्रुखाबाद आश्रम: ये भी उनके प्रमुख आश्रमों में से हैं।

चमत्कार और शिक्षाएँ:

नीम करौली बाबा के जीवन से जुड़े कई चमत्कारों की कहानियाँ प्रचलित हैं:

  1. अन्नपूर्णा की कृपा: बाबा के पास कभी भी धन-धान्य का अभाव नहीं होता था। आश्रम में सैकड़ों लोगों के भोजन की व्यवस्था किसी अदृश्य शक्ति से हो जाती थी।

  2. लोगों की समस्याओं का समाधान: उनके भक्तों का कहना है कि बाबा ने उनकी असाध्य बीमारियाँ ठीक कीं, आर्थिक संकट दूर किए और मानसिक शांति प्रदान की।

  3. हनुमान भक्त: बाबा हनुमान जी के परम उपासक थे। उन्होंने अपने कई आश्रमों में हनुमान मंदिर बनवाए।

उनकी शिक्षाएँ सरल और गहन थीं। वे प्रेम, सेवा और सत्य के महत्व को समझाते थे। उनका कहना था:

  • "सबसे प्रेम करो।"

  • "राम नाम जपो।"

  • "मानवता की सेवा ही ईश्वर की सेवा है।"

पश्चिमी भक्त और प्रसिद्धि:

1960-70 के दशक में कई पश्चिमी लोग उनके पास आए और उनके भक्त बन गए। इनमें से सबसे प्रसिद्ध हैं राम दास (डॉ. रिचर्ड एलपर्ट), जिन्होंने नीम करौली बाबा पर आधारित पुस्तक "Be Here Now" लिखी। इस पुस्तक ने बाबा को पश्चिमी देशों में भी प्रसिद्ध बना दिया।

महासमाधि:

11 सितंबर 1973 को बाबा ने वृंदावन में महासमाधि ली। उनकी देह त्यागने के बाद भी उनके भक्तों को उनकी उपस्थिति का अनुभव होता है।

बाबा का प्रभाव:

आज भी नीम करौली बाबा के भक्तों में आम लोग, साधु-संत, और प्रसिद्ध हस्तियाँ शामिल हैं। एप्पल के सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स, फेसबुक के सीईओ मार्क ज़करबर्ग, और अभिनेत्री जूलिया रॉबर्ट्स जैसे लोग भी बाबा के भक्तों में गिने जाते हैं।

नीम करौली बाबा का जीवन प्रेम, सेवा और भक्ति का अनुपम उदाहरण है। उनकी शिक्षाएँ आज भी लाखों लोगों को प्रेरित करती हैं। बाबा के दर्शन हमें सिखाते हैं कि सच्ची आध्यात्मिकता मानवता की सेवा और परोपकार में निहित है।

नीम करौली बाबा के जीवन से जुड़ी कहानियाँ उनकी दिव्यता, करुणा, और अद्भुत चमत्कारों का प्रमाण हैं। उनके भक्तों ने उनके साथ हुए अनुभवों को साझा किया है, जो आज भी लोगों के दिलों में श्रद्धा और प्रेरणा जगाते हैं। नीचे बाबा से जुड़ी कुछ प्रसिद्ध कहानियाँ दी गई हैं:

1. ट्रेन रुकने की घटना

नीम करौली बाबा के जीवन की यह सबसे प्रसिद्ध घटना है। एक बार बाबा बिना टिकट ट्रेन में यात्रा कर रहे थे। गार्ड ने उन्हें टिकट न होने के कारण करौली स्टेशन पर उतार दिया। इसके बाद ट्रेन आगे बढ़ने में असमर्थ हो गई। इंजन को बार-बार चेक करने के बावजूद समस्या का हल नहीं निकला।
जब स्टेशन मास्टर को बाबा के बारे में पता चला, तो उसने बाबा से क्षमा मांगी और उन्हें ट्रेन में वापस बैठने का अनुरोध किया। जैसे ही बाबा ट्रेन में चढ़े, वह तुरंत चलने लगी। यह घटना उनके नाम "नीम करौली बाबा" की उत्पत्ति का कारण बनी।

2. गैस सिलेंडर का विस्फोट टालना

कैंची धाम आश्रम में एक बार रसोई में गैस सिलेंडर लीक हो गया और आग पकड़ ली। स्थिति विस्फोट के लिए तैयार थी। सभी घबरा गए, लेकिन बाबा ने उन्हें शांत रहने के लिए कहा। उन्होंने केवल "हनुमान" का नाम लिया और स्थिति सामान्य हो गई। गैस सिलेंडर ठंडा हो गया और विस्फोट टल गया।

3. बीमारी ठीक करना

बाबा की करुणा और चमत्कार की कई कहानियाँ प्रचलित हैं। एक बार एक भक्त की पत्नी गंभीर रूप से बीमार हो गई। डॉक्टरों ने उसे बचाने की उम्मीद छोड़ दी। भक्त ने बाबा से मदद मांगी। बाबा ने उसे कहा, "जा, वह ठीक है।" भक्त जब घर पहुंचा, तो उसने देखा कि उसकी पत्नी सचमुच पूरी तरह स्वस्थ थी।

4. सेब और स्टीव जॉब्स की कहानी

स्टीव जॉब्स, एप्पल कंपनी के सह-संस्थापक, अपने जीवन के कठिन दौर में भारत आए। उन्होंने नीम करौली बाबा के बारे में सुना था और कैंची धाम जाने का निर्णय लिया। बाबा उस समय महा समाधि ले चुके थे, लेकिन आश्रम में बिताया समय जॉब्स के लिए अत्यधिक प्रेरणादायक था। उनके अनुभव ने उनके जीवन की दिशा बदल दी।

5. राम नाम की शक्ति

एक बार बाबा के पास एक व्यक्ति आया, जो मानसिक तनाव और कष्ट से गुजर रहा था। बाबा ने उसे केवल "राम-राम" जपने के लिए कहा। कुछ महीनों बाद वह व्यक्ति पूर्णतः स्वस्थ और आनंदित होकर वापस आया। बाबा ने सिखाया कि भगवान का नाम जपने से हर समस्या का समाधान संभव है।

6. भूखों को भोजन की व्यवस्था

एक बार कैंची धाम में अचानक बहुत से लोग आश्रम पहुंचे। वहाँ उपस्थित लोगों को चिंता हुई कि इतने लोगों के लिए भोजन कैसे बनेगा। बाबा ने कहा, "हनुमान जी की कृपा है, सबको भोजन मिलेगा।" जैसे ही रसोई शुरू हुई, सामग्री चमत्कारिक रूप से पर्याप्त हो गई। हर कोई तृप्त हुआ और भोजन बच भी गया।

7. आश्रम की रक्षा करना

एक बार आश्रम पर एक डाकू हमला करने आया। बाबा ने उसे बुलाया और प्रेम पूर्वक भोजन कराया। डाकू ने अपनी योजना त्याग दी और बाबा का भक्त बन गया।

8. सांप से सुरक्षा

एक भक्त के खेत में जहरीले सांप ने घर कर लिया। वह डरा हुआ बाबा के पास आया। बाबा ने उसे घर जाकर हनुमान चालीसा पढ़ने को कहा। अगले दिन, सांप बिना किसी को नुकसान पहुंचाए खेत से गायब हो गया।

9. आश्रम में आग बुझाना

एक बार आश्रम में आग लग गई। सब लोग घबरा गए, लेकिन बाबा ने शांतिपूर्वक कहा, "हनुमान जी सब ठीक करेंगे।" कुछ ही क्षणों में आग बुझ गई, और किसी को कोई हानि नहीं हुई।

10. रामदास और बुरे कर्मों का समाधान

रामदास, जो पहले रिचर्ड एलपर्ट के नाम से जाने जाते थे, बाबा के पास आए और अपनी जीवन की परेशानियाँ साझा कीं। बाबा ने उनकी मदद की और उन्हें "राम" नाम जपने की सलाह दी। रामदास की आत्मा को गहन शांति मिली, और उन्होंने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक "Be Here Now" लिखी।

इन कहानियों और उनके चमत्कारों के माध्यम से बाबा आज भी लोगों की आस्था और जीवन में मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।