ॐ ध्यान (Om Meditation)
MEDITATION TECHNIQUES
12/29/20241 मिनट पढ़ें
ॐ ध्यान (Om Meditation)
ॐ ध्यान (Om Meditation) ध्यान की एक प्राचीन विधि है जो मानसिक शांति, आत्म-जागरूकता, और आंतरिक ऊर्जा को जागृत करने के लिए उपयोग की जाती है। "ॐ" (Om) को ब्रह्मांडीय ध्वनि माना जाता है, जो सृष्टि की शुरुआत और अनंत शक्ति का प्रतीक है। यह ध्यान विधि सरल और प्रभावशाली है, और इसे किसी भी स्तर का साधक अभ्यास कर सकता है।
ॐ ध्यान का अर्थ और महत्व
1. ॐ की ध्वनि:
o यह तीन ध्वनियों से मिलकर बनी है: "अ", "उ", और "म"।
§ "अ": सृष्टि या शुरुआत का प्रतीक।
§ "उ": संरक्षण या जीवन के मध्य चरण का प्रतीक।
§ "म": विलय या सृष्टि के अंत का प्रतीक।
o ये तीनों मिलकर सृष्टि, जीवन, और ब्रह्मांड के चक्र को दर्शाते हैं।
2. ब्रह्मांडीय ऊर्जा का संचार:
ॐ का उच्चारण हमारे शरीर, मन, और आत्मा में कंपन पैदा करता है, जो सकारात्मक ऊर्जा को सक्रिय करता है।
3. आध्यात्मिक जागृति:
यह ध्यान व्यक्ति को आत्मा से जोड़ता है और अहंकार का अंत करता है।
ॐ ध्यान विधि: चरण-दर-चरण प्रक्रिया
1. स्थान और समय का चयन:
· एक शांत और स्वच्छ स्थान चुनें जहाँ कोई व्यवधान न हो।
· सुबह का समय या रात में सोने से पहले का समय सबसे उपयुक्त है।
2. आरामदायक मुद्रा:
· सुखासन, पद्मासन, या वज्रासन में बैठें।
· रीढ़ की हड्डी सीधी रखें और हाथ घुटनों पर ज्ञान मुद्रा (अंगूठा और तर्जनी को मिलाकर) में रखें।
3. श्वास पर ध्यान केंद्रित करें:
· अपनी आँखें बंद करें और धीरे-धीरे गहरी साँस लें।
· कुछ क्षणों तक अपनी सांसों को प्राकृतिक रूप से आते-जाते हुए महसूस करें।
4. ॐ का उच्चारण करें:
· गहरी साँस लें और "ॐ" का उच्चारण करें।
o "अ": शुरुआत में जोर दें।
o "उ": स्वर को थोड़ा खींचें।
o "म": अंत में होंठ बंद करके कंपन महसूस करें।
· हर उच्चारण के बीच कुछ क्षण रुकें और कंपन को महसूस करें।
5. ध्वनि पर ध्यान केंद्रित करें:
· "ॐ" की ध्वनि और उसके कंपन को अपने शरीर और मन में महसूस करें।
· अपने विचारों को आते-जाते देखें लेकिन उनसे जुड़ें नहीं।
6. आंतरिक शांति का अनुभव करें:
· उच्चारण बंद करने के बाद, शांत होकर बैठें और ध्यान को अपनी आंतरिक शांति और कंपन पर टिकाएं।
· इसे 5-10 मिनट (शुरुआत में) से लेकर 20-30 मिनट तक बढ़ा सकते हैं।
ॐ ध्यान के लाभ
1. मानसिक शांति:
· ॐ का उच्चारण मानसिक अशांति को शांत करता है।
· यह तनाव और चिंता को कम करने में सहायक है।
2. एकाग्रता में सुधार:
· ध्यान का अभ्यास मन को एकाग्र और केंद्रित बनाता है।
3. आध्यात्मिक प्रगति:
· यह ध्यान व्यक्ति को आत्मा, ब्रह्मांड, और जीवन के गहरे अर्थ से जोड़ता है।
4. शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य:
· नियमित अभ्यास से मस्तिष्क में सकारात्मक ऊर्जा और संतुलन का संचार होता है।
· यह थकान और नकारात्मकता को दूर करता है।
5. चक्र जागरण:
· ॐ का उच्चारण शरीर के चक्रों (विशेषकर आज्ञा चक्र और सहस्रार चक्र) को सक्रिय करता है।
· यह ऊर्जा के प्रवाह को संतुलित करता है।
ॐ ध्यान के दौरान आने वाली बाधाएँ और समाधान
1. विचारों का भटकाव:
· शुरुआत में मन में अनगिनत विचार आ सकते हैं।
· समाधान: विचारों को बिना प्रतिक्रिया के देखें और ध्यान को "ॐ" की ध्वनि पर वापस लाएं।
2. मुद्रा में असुविधा:
· लंबी अवधि तक बैठने में कठिनाई हो सकती है।
· समाधान: कुशन का उपयोग करें और शुरुआत में छोटी अवधि के लिए अभ्यास करें।
3. ध्यान न लगना:
· शुरुआती चरणों में ध्यान केंद्रित करना कठिन हो सकता है।
· समाधान: नियमितता बनाए रखें, समय के साथ ध्यान केंद्रित होना स्वाभाविक हो जाएगा।
उन्नत स्तर पर ॐ ध्यान
· अंतर्मुखी ध्यान (Inner Silence):
ॐ का उच्चारण बंद कर ध्यान को आंतरिक कंपन और शांति पर केंद्रित करें।
· चक्र ध्यान:
ॐ की ध्वनि को शरीर के विभिन्न चक्रों पर केंद्रित करके उनका जागरण करें।
· निर्विचार ध्यान (Thoughtless Awareness):
बिना किसी विचार या प्रयास के, केवल शांति और अस्तित्व का अनुभव करें।
ॐ ध्यान का अभ्यास करने के सुझाव
1. नियमित रूप से एक ही समय और स्थान पर अभ्यास करें।
2. ध्यान के बाद अपनी भावनाओं और अनुभवों को महसूस करें।
3. प्रारंभ में ध्यान की अवधि कम रखें और धीरे-धीरे इसे बढ़ाएं।
4. समूह में ध्यान करने से ऊर्जा और प्रेरणा बढ़ती है।
ॐ ध्यान एक सरल, प्रभावी और सार्वभौमिक ध्यान पद्धति है, जो शांति, ऊर्जा, और जागरूकता प्रदान करती है। नियमित अभ्यास से व्यक्ति न केवल अपने आंतरिक शांति का अनुभव करता है, बल्कि जीवन के गहरे अर्थ को भी समझता है। यह ध्यान पद्धति किसी भी व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक, और आध्यात्मिक रूप से विकसित करने का सामर्थ्य रखती है।
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