समाधि ध्यान (Samadhi Meditation)
MEDITATION TECHNIQUES
11/27/20241 मिनट पढ़ें
समाधि ध्यान (Samadhi Meditation)
समाधि ध्यान (Samadhi Meditation) एक गहन ध्यान पद्धति है, जिसका उद्देश्य मन और आत्मा को उच्चतम अवस्था तक ले जाना है। यह योग और ध्यान का सर्वोच्च चरण है, जहाँ ध्यानकर्ता (ध्यान करने वाला) अपने व्यक्तिगत अहंकार (Ego) को पूरी तरह त्याग देता है और दिव्य चेतना के साथ एक हो जाता है।
समाधि शब्द संस्कृत के "सम" (संतुलन) और "आधि" (आधार या स्थिति) से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है "पूर्ण संतुलन की स्थिति।"
समाधि के प्रकार
योग और ध्यान परंपरा में समाधि को विभिन्न प्रकारों में बाँटा गया है:
1. सविकल्प समाधि (Savikalpa Samadhi)
· इसमें ध्यानकर्ता का अहंकार और विचार बने रहते हैं।
· मन एक वस्तु, विचार, या देवता पर केंद्रित होता है।
· यह समाधि का आरंभिक चरण है, जहाँ ध्यानकर्ता बाहरी संसार से परे जाकर आंतरिक शांति का अनुभव करता है।
2. निर्विकल्प समाधि (Nirvikalpa Samadhi)
· यह समाधि की उच्च अवस्था है, जिसमें ध्यानकर्ता का अहंकार और विचार पूरी तरह समाप्त हो जाते हैं।
· ध्यानकर्ता और ध्यान का भेद समाप्त हो जाता है।
· इसमें आत्मा और ब्रह्मांड की एकता का अनुभव होता है।
3. सहज समाधि (Sahaja Samadhi)
· यह वह अवस्था है जिसमें व्यक्ति समाधि की स्थिति को अपने दैनिक जीवन में स्थिर रूप से बनाए रखता है।
· ध्यानकर्ता हर पल जागरूक और शांति में रहता है, चाहे वह कोई भी कार्य कर रहा हो।
समाधि ध्यान की विधि
समाधि ध्यान को करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन किया जाता है:
1. स्थान और समय का चयन
· एक शांत और स्वच्छ स्थान चुनें, जहाँ कोई बाधा न हो।
· सुबह और शाम ध्यान के लिए सर्वोत्तम समय होते हैं।
2. सुखासन में बैठना
· किसी भी आरामदायक मुद्रा (जैसे सुखासन, पद्मासन, या वज्रासन) में बैठें।
· रीढ़ की हड्डी सीधी रखें और हाथ घुटनों पर रखें।
· अपनी आँखें बंद कर लें।
3. श्वास पर ध्यान केंद्रित करें
· गहरी और धीमी साँस लें।
· अपने श्वास की गति को बिना बदले उसे महसूस करें।
· जब भी मन भटकने लगे, श्वास पर वापस ध्यान केंद्रित करें।
4. ध्यान के लिए एक वस्तु चुनें
· मन को स्थिर करने के लिए किसी वस्तु, मंत्र, या विचार पर ध्यान केंद्रित करें।
· यह भगवान का नाम (जैसे "ॐ" या "राम") या कोई दैवीय रूप हो सकता है।
5. मंत्र जप या ध्यान अभ्यास
· यदि आप मंत्र का उपयोग कर रहे हैं, तो उसे बार-बार जपें।
· यदि आप विचार या रूप पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, तो अपनी पूरी चेतना उसमें लगा दें।
6. मन को शून्य अवस्था में लाएँ
· धीरे-धीरे, विचार आने पर उन्हें बिना प्रतिक्रिया दिए जाने दें।
· अपने मन को खाली और शांत करने का प्रयास करें।
· अंततः आप "शून्यता" की स्थिति में प्रवेश करेंगे, जहाँ मन और भावनाएँ शांत हो जाती हैं।
7. समाधि की स्थिति का अनुभव
· जब आप गहराई से ध्यान में प्रवेश करते हैं, तो आप अपने अस्तित्व और ब्रह्मांड के बीच की एकता का अनुभव करेंगे।
· यह स्थिति "निर्विकल्प समाधि" कहलाती है, जहाँ आपका अहंकार समाप्त हो जाता है।
8. ध्यान समाप्त करें
· धीरे-धीरे अपनी चेतना को वापस लाएँ।
· अपनी आँखें खोलें और कुछ क्षण शांति से बैठें।
समाधि ध्यान के लाभ
समाधि ध्यान करने से कई आध्यात्मिक, मानसिक, और शारीरिक लाभ होते हैं:
आध्यात्मिक लाभ:
1. आत्मा और ब्रह्मांड की एकता का अनुभव।
2. आत्मज्ञान और मोक्ष की प्राप्ति।
3. जीवन के प्रति गहरी समझ और कृतज्ञता।
मानसिक लाभ:
1. मन की शांति और स्थिरता।
2. तनाव, चिंता, और क्रोध का अंत।
3. एकाग्रता और स्मरण शक्ति में सुधार।
शारीरिक लाभ:
1. शरीर की ऊर्जा का संतुलन।
2. रक्तचाप और हृदय गति का नियंत्रण।
3. इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाना।
समाधि ध्यान के लिए सुझाव
1. धैर्य रखें: समाधि ध्यान धीरे-धीरे गहराई में ले जाता है। इसे समय और अभ्यास की आवश्यकता होती है।
2. नियमितता बनाए रखें: रोज़ अभ्यास करें, चाहे कुछ ही मिनटों के लिए क्यों न हो।
3. गुरु का मार्गदर्शन लें: यदि संभव हो, तो किसी अनुभवी गुरु से मार्गदर्शन प्राप्त करें।
4. सहज रहें: ध्यान में अधिक बल न लगाएँ; इसे स्वाभाविक रूप से होने दें।
सावधानियाँ
· ध्यान के लिए बहुत अधिक उम्मीद या लालच न रखें।
· शुरू में मन भटकेगा, इसे सामान्य मानें।
· ध्यान करते समय शरीर में असुविधा महसूस हो तो तुरंत आराम करें।
समाधि ध्यान का सार
समाधि ध्यान आत्मा को ब्रह्मांडीय चेतना से जोड़ने का साधन है। यह ध्यान की उच्चतम अवस्था है, जहाँ ध्यानकर्ता मन और शरीर के बंधनों से मुक्त होकर अनंत शांति और आनंद का अनुभव करता है। इसे जीवन का अंतिम उद्देश्य माना जाता है, जो आत्मज्ञान और मोक्ष की ओर ले जाता है।
हमारा उद्देश्य केवल सजगता बढ़ाना है ,हम जन साधारण को संतो, ध्यान विधियों ,ध्यान साधना से संबन्धित पुस्तकों के बारे मे जानकारी , इंटरनेट पर मौजूद सामग्री से जुटाते है । हम किसी धर्म ,संप्रदाय ,जाति , कुल ,या व्यक्ति विशेष की मान मर्यादा को ठेस नही पहुंचाते है । फिर भी जाने अनजाने , यदि किसी को कुछ सामग्री सही प्रतीत नही होती है , कृपया हमें सूचित करें । हम उस जानकारी को हटा देंगे ।
website पर संतो ,ध्यान विधियों , पुस्तकों के बारे मे केवल जानकारी दी गई है , यदि साधकों /पाठकों को ज्यादा जानना है ,तब संबन्धित संस्था ,संस्थान या किताब के लेखक से सम्पर्क करे ।
© 2024. All rights reserved.