योग निद्रा
MEDITATION TECHNIQUES
11/30/20241 मिनट पढ़ें
योग निद्रा (Yoga Nidra)
योग निद्रा (Yoga Nidra) एक गहन मानसिक और शारीरिक विश्राम की तकनीक है, जो भारतीय योग परंपरा में प्राचीन समय से प्रचलित है। इसका शाब्दिक अर्थ है "योग की नींद" या "योग द्वारा निद्रा"। हालांकि यह तकनीक नींद के समान अनुभव प्रदान करती है, लेकिन यह वास्तव में एक गहरी ध्यान अवस्था होती है जिसमें व्यक्ति पूरी तरह से सचेत रहते हुए शारीरिक और मानसिक विश्राम की अवस्था में प्रवेश करता है।
योग निद्रा को विशेष रूप से मानसिक तनाव, चिंता, नींद की समस्याओं और शारीरिक थकावट को दूर करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह एक साधना है जिसमें व्यक्ति अपने शरीर और मन को पूरी तरह से शांति और विश्राम की अवस्था में ले जाता है, और इसके माध्यम से उसे आत्म-चेतना का गहरा अनुभव होता है।
योग निद्रा की विशेषताएँ:
1. गहरी मानसिक विश्राम:
योग निद्रा में व्यक्ति अपनी मानसिक गतिविधियों को शांत करता है, जिससे उसे गहरी मानसिक विश्राम प्राप्त होती है। यह एक प्रकार का सामान्य ध्यान है, लेकिन इसमें शरीर पूरी तरह से आराम करता है और व्यक्ति गहरी मानसिक चेतना में प्रवेश करता है।
2. सचेत अवस्था में गहरी विश्राम:
योग निद्रा में व्यक्ति सचेत रहता है, लेकिन उसका शरीर और मन एक गहरी विश्राम की अवस्था में होते हैं। यह एक विशेष प्रकार की "सजग निद्रा" है, जहां व्यक्ति पूरी तरह से जागरूक रहता है लेकिन शारीरिक रूप से विश्राम की स्थिति में होता है।
3. संवेदनाओं की शांति:
योग निद्रा में व्यक्ति अपनी सभी शारीरिक और मानसिक संवेदनाओं से परे जाकर एक ऐसी अवस्था में प्रवेश करता है, जहां उसे कोई चिंता या तनाव नहीं होता। इसमें व्यक्ति अपने शरीर के प्रत्येक अंग को विश्राम की स्थिति में लाता है।
4. गहरे स्तर पर ध्यान:
यह ध्यान का एक रूप है जिसमें व्यक्ति अपने शरीर के अंदर और बाहर की सभी गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करता है, जिससे वह अपनी आंतरिक चेतना के संपर्क में आता है।
5. शरीर और मस्तिष्क का शुद्धिकरण:
योग निद्रा का नियमित अभ्यास शरीर और मस्तिष्क दोनों को शुद्ध करता है। यह मानसिक और शारीरिक शांति, संतुलन और स्फूर्ति को बढ़ावा देता है।
योग निद्रा का अभ्यास कैसे करें?
योग निद्रा का अभ्यास निम्नलिखित चरणों में किया जाता है:
1. आरामदायक स्थिति में लेटना:
सबसे पहले व्यक्ति को अपनी पीठ के बल सीधे लेटना चाहिए, पैर हल्के खुले होने चाहिए और हाथ शरीर से सटे हुए होने चाहिए। हाथों की हथेलियाँ आकाश की ओर रखी जाती हैं। यह स्थिति शरीर को आराम देने वाली होती है।
2. शरीर का विश्राम (शरीर स्कैन):
अब व्यक्ति धीरे-धीरे अपने शरीर के प्रत्येक अंग की कल्पना करता है और उसे पूरी तरह से आराम देने की कोशिश करता है। यह प्रक्रिया शरीर को मानसिक रूप से शिथिल करने में मदद करती है।
3. सांसों पर ध्यान केंद्रित करना:
इसके बाद व्यक्ति अपनी श्वास पर ध्यान केंद्रित करता है। गहरी श्वास लेना और छोड़ना, और अपनी सांसों को सामान्य गति पर लाना इस प्रक्रिया का हिस्सा है। यह मन को शांत करता है और व्यक्ति को आराम की स्थिति में ले जाता है।
4. संगठित ध्येय या संकल्प (Sankalpa):
योग निद्रा के दौरान व्यक्ति को एक सकारात्मक संकल्प (Sankalpa) बनाना चाहिए, जो किसी उद्देश्य या लक्ष्य को साधने के लिए होता है। यह संकल्प व्यक्ति की आंतरिक इच्छा और उद्देश्य को स्पष्ट करता है। यह संकल्प पूरे सत्र के दौरान व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक विश्राम में मदद करता है।
5. दृश्य चित्रण या Visualisation:
इस चरण में व्यक्ति अपनी आँखों के सामने एक शांतिपूर्ण, सुखद और संतुलित स्थान की कल्पना करता है। यह एक सुंदर दृश्य हो सकता है जैसे कोई प्राकृतिक दृश्य, जैसे पहाड़, समुद्र, जंगल आदि। यह व्यक्ति को शांति और आराम की भावना प्रदान करता है।
6. ध्यान और शांति:
इस चरण में व्यक्ति गहरे ध्यान की अवस्था में होता है, जहां वह अपने शरीर और मानसिक स्थिति की पूरी जानकारी को अवलोकन करता है, बिना किसी जजमेंट के। यह एक गहरी शांति की अवस्था होती है, जो शरीर और मन को पूरी तरह से आराम देती है।
7. संकल्प की पुनरावृत्ति और जागरूकता:
अंत में व्यक्ति अपने बनाए हुए संकल्प की पुनरावृत्ति करता है और धीरे-धीरे जागरूकता को पुनः प्राप्त करता है। वह अपने शरीर और वातावरण को महसूस करता है, और फिर धीरे-धीरे अपनी आँखें खोलता है।
योग निद्रा के लाभ:
1. मानसिक शांति और तनाव में कमी:
योग निद्रा मानसिक तनाव, चिंता, और अवसाद को कम करने में सहायक होती है। यह व्यक्ति को गहरी मानसिक शांति प्रदान करती है।
2. बेहतर नींद:
यह उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो नींद की कमी या अनिद्रा से पीड़ित हैं। यह गहरी विश्राम अवस्था में शरीर और मन को आराम देती है, जिससे नींद में सुधार होता है।
3. शरीर की ऊर्जा का पुनर्निर्माण:
योग निद्रा शरीर के ऊर्जा स्तर को पुनः सक्रिय करती है और शरीर को ताजगी और ऊर्जा प्रदान करती है। यह शारीरिक थकान को दूर करने में मदद करती है।
4. आध्यात्मिक विकास:
योग निद्रा आत्म-जागरूकता और ध्यान के अभ्यास को बढ़ावा देती है, जिससे व्यक्ति अपने भीतर की सच्ची शक्ति और आत्म-ज्ञान को पहचान सकता है।
5. उच्च मानसिक क्षमता:
यह मानसिक स्पष्टता और एकाग्रता को बढ़ाती है। यह ध्यान के माध्यम से मानसिक शक्ति और जागरूकता को तेज करती है।
6. सामान्य शारीरिक स्वास्थ्य:
योग निद्रा का नियमित अभ्यास रक्तचाप, हार्मोनल संतुलन, और इम्यून सिस्टम को सुधारने में मदद करता है। यह शरीर के भीतर शारीरिक शांति और संतुलन को बनाए रखता है।
योग निद्रा का महत्व और उपयोग
· योग निद्रा को न केवल शारीरिक और मानसिक विश्राम के लिए बल्कि आध्यात्मिक विकास के लिए भी एक महत्वपूर्ण साधना माना जाता है।
· इसे ध्यान साधना का एक रूप भी माना जा सकता है, जिसमें व्यक्ति पूरी तरह से जागरूक रहते हुए गहरी मानसिक विश्राम की अवस्था में प्रवेश करता है।
· यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें व्यक्ति को केवल विश्राम ही नहीं, बल्कि आत्म-ज्ञान और मानसिक संतुलन प्राप्त होता है।
योग निद्रा का अभ्यास शारीरिक और मानसिक शांति का सबसे सरल और प्रभावी तरीका है, जो व्यक्ति को गहरी विश्राम और उच्च मानसिक स्थिति की ओर मार्गदर्शन करता है।
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