A Tale of Two Cities
"Charles Dickens"
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2/5/20251 मिनट पढ़ें
A Tale of Two Cities-Charles Dickens
"A Tale of Two Cities" चार्ल्स डिकेंस द्वारा लिखित एक ऐतिहासिक उपन्यास है, जिसे 1859 में प्रकाशित किया गया था। यह उपन्यास फ्रांसीसी क्रांति की पृष्ठभूमि पर आधारित है और दो प्रमुख शहरों—लंदन और पेरिस—की घटनाओं को दर्शाता है। इसकी कहानी न्याय, पुनरुत्थान, बलिदान और क्रांति के विषयों पर केंद्रित है।
मुख्य बिंदु :
1. पृष्ठभूमि और ऐतिहासिक संदर्भ
यह उपन्यास 18वीं शताब्दी के अंत (1775-1793) में घटित होता है, जब फ्रांस में राजशाही के विरुद्ध जनाक्रोश चरम पर था और फ्रांसीसी क्रांति (1789) के कारण समाज में भारी उथल-पुथल थी। इस उपन्यास में फ्रांस में व्याप्त असमानता, अत्याचार और विद्रोह को दर्शाया गया है, साथ ही इंग्लैंड की अपेक्षाकृत स्थिर स्थिति को भी दिखाया गया है।
2. कहानी के प्रमुख पात्र
डॉक्टर एलेक्ज़ेंडर मानेट – एक फ्रांसीसी चिकित्सक, जो 18 साल तक बास्तील जेल में कैद था और अपनी बेटी लूसी के साथ पुनर्मिलन करता है।
लूसी मानेट – डॉक्टर मानेट की बेटी, जो करुणामयी, समर्पित और प्रेम का प्रतीक है।
चार्ल्स डार्ने – एक फ्रांसीसी कुलीन (एवरेमॉन्द परिवार का वंशज), जो क्रांतिकारी हिंसा से बचने के लिए इंग्लैंड चला जाता है और लूसी से विवाह करता है।
सिडनी कार्टन – एक अंग्रेज़ वकील, जो लूसी से प्रेम करता है और उसके लिए महान बलिदान देता है।
मैडम डिफार्ज – एक क्रूर और प्रतिशोधी महिला, जो क्रांति का समर्थन करती है और कुलीन वर्ग से बदला लेना चाहती है।
जैरी क्रंचर – एक अजीबोगरीब व्यक्ति, जो पेशे से "रेसरेक्शन मैन" (कब्रों से शव चुराने वाला) है और कई रहस्यों से जुड़ा हुआ है।
3. कथानक (Plot Summary)
(i) पहला भाग: "रिकॉल्ड टू लाइफ" (पुनर्जीवन)
कहानी 1775 में शुरू होती है जब इंग्लैंड में मिस्टर जरविस लॉरी को एक गुप्त संदेश मिलता है कि डॉक्टर मानेट जीवित हैं और उन्हें पेरिस से लंदन लाया जाना है।
लूसी अपने पिता से मिलती है, जो 18 साल तक बास्तील जेल में कैद रहने के कारण मानसिक रूप से अस्थिर हो चुके हैं।
डॉक्टर मानेट को पुनः सामान्य जीवन में लाने का प्रयास किया जाता है।
(ii) दूसरा भाग: "द गोल्डन थ्रेड" (स्वर्णिम सूत्र)
चार्ल्स डार्ने और सिडनी कार्टन, दोनों लूसी से प्रेम करते हैं, लेकिन लूसी डार्ने से शादी करती है।
डार्ने अपना असली नाम और कुलीन पहचान छिपाकर इंग्लैंड में बस जाता है, क्योंकि उसका परिवार फ्रांसीसी क्रांति के लिए नफरत का पात्र है।
पेरिस में मैडम डिफार्ज और क्रांतिकारी समूह कुलीन वर्ग के लोगों के खिलाफ साजिशें रचते हैं।
(iii) तीसरा भाग: "द ट्रैक ऑफ ए स्टॉर्म" (तूफान की राह)
फ्रांस में क्रांति तेज हो जाती है, और डार्ने को एक खतरा मिलता है, जिससे वह पेरिस लौटने का निर्णय लेता है।
पेरिस पहुँचते ही उसे देशद्रोही घोषित कर दिया जाता है और गिलोटिन पर मौत की सजा सुनाई जाती है।
सिडनी कार्टन, जो डार्ने से दिखने में मिलता-जुलता है, उसके स्थान पर खुद को बलिदान कर देता है।
उपन्यास "It is a far, far better thing that I do, than I have ever done..." (यह सबसे महान कार्य है, जो मैंने कभी किया है...) के प्रसिद्ध संवाद के साथ समाप्त होता है, जिसमें सिडनी कार्टन मरते समय खुद को पुनरुत्थान और बलिदान का प्रतीक मानता है।
4. मुख्य विषय और संदेश
(i) पुनरुत्थान (Resurrection)
डॉक्टर मानेट का जेल से बाहर आना और नई जिंदगी पाना।
सिडनी कार्टन का बलिदान, जो उसे नायकत्व की ओर ले जाता है।
(ii) बलिदान और प्रेम
सिडनी कार्टन का आत्म-बलिदान, जो सच्चे प्रेम और त्याग का प्रतीक है।
लूसी का अपने पिता और पति के प्रति समर्पण।
(iii) न्याय और प्रतिशोध
फ्रांस में क्रांति न्याय लाने के उद्देश्य से शुरू हुई थी, लेकिन यह जल्द ही प्रतिशोध में बदल गई।
मैडम डिफार्ज का चरित्र क्रांतिकारी प्रतिशोध और क्रूरता का प्रतीक है।
(iv) अराजकता बनाम स्थिरता
इंग्लैंड को एक स्थिर देश दिखाया गया है, जबकि फ्रांस में क्रांति के कारण अराजकता व्याप्त है।
5. उपन्यास का महत्व
यह न केवल एक ऐतिहासिक कथा है, बल्कि यह न्याय, पुनरुत्थान और मानवीय मूल्य का गहरा संदेश भी देती है।
चार्ल्स डिकेंस ने इसमें क्रांति की भयावहता को उजागर किया और यह बताया कि अराजकता कैसे निर्दोष लोगों को भी प्रभावित कर सकती है।
सिडनी कार्टन का बलिदान उपन्यास का सबसे भावनात्मक और प्रेरणादायक हिस्सा है।
"A Tale of Two Cities" केवल एक क्रांतिकारी युग की कहानी नहीं है, बल्कि यह बलिदान, प्रेम और पुनरुत्थान की अमर गाथा भी है। यह दर्शाता है कि कैसे निस्वार्थ प्रेम और त्याग किसी के जीवन को अर्थ दे सकते हैं। सिडनी कार्टन का अंतिम बलिदान इस उपन्यास को साहित्यिक इतिहास में सर्वश्रेष्ठ क्लासिक्स में से एक बनाता है।
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