Frankenstein
"Mary Shelley"
BLOG
3/10/20251 मिनट पढ़ें
Frankenstein-Mary Shelley
"Frankenstein; or, The Modern Prometheus" मैरी शेली (Mary Shelley) द्वारा लिखित एक प्रसिद्ध गॉथिक (Gothic) उपन्यास है, जिसे 1818 में प्रकाशित किया गया था। यह वैज्ञानिक नैतिकता, सृजन, मानवता और प्रतिशोध जैसे गहरे दार्शनिक विषयों को छूता है। इसे अक्सर दुनिया का पहला विज्ञान-कथा (Science Fiction) उपन्यास भी माना जाता है।
1. उपन्यास की पृष्ठभूमि
मैरी शेली ने यह उपन्यास 1816 में लिखा था, जब वह अपने पति Percy Bysshe Shelley और प्रसिद्ध कवि Lord Byron के साथ एक झील के किनारे ठहरी हुई थीं।
एक कहानी लेखन प्रतियोगिता के दौरान, मैरी ने विज्ञान और जीवन के रहस्यों पर चर्चा करते हुए इस उपन्यास की कल्पना की।
इसमें 19वीं शताब्दी के वैज्ञानिक प्रयोगों, रोमांटिक युग की सोच और गॉथिक हॉरर के तत्व मिलते हैं।
2. प्रमुख पात्र (Main Characters)
विक्टर केंस्टाइन- एक महत्वाकांक्षी वैज्ञानिक जो जीवन बनाने के प्रयोग में सफल होता है।
क्रिएचर (Monster)- विक्टर द्वारा बनाया गया जीव, जिसे समाज ठुकरा देता है और जो अंततः प्रतिशोध की राह पर चलता है।
रॉबर्ट वाल्टन- एक नाविक जो कहानी का कथावाचक है और विक्टर की दुखद गाथा सुनता है।
हेनरी क्लेवल- विक्टर का सबसे अच्छा दोस्त, जो मानवीय संवेदनाओं और नैतिकता का प्रतिनिधित्व करता है।
एलिजाबेथ लॉवेन्ज़ा- विक्टर की बचपन की प्रेमिका, जिसे वह बाद में अपनी पत्नी बनाता है।
कहानी (Summary of Frankenstein)
1. भूमिका और कहानी का प्रारंभ
कहानी एक फ्रेम नैरेटिव (Frame Narrative) के रूप में लिखी गई है, यानी एक कहानी के भीतर दूसरी कहानी।
रॉबर्ट वाल्टन नामक एक नाविक उत्तरी ध्रुव की यात्रा कर रहा है और उसे बर्फ में फंसे एक व्यक्ति (विक्टर फ्रेंकेंस्टाइन) को बचाने का अवसर मिलता है।
विक्टर वाल्टन को अपनी पूरी कहानी सुनाता है, जिससे उपन्यास की मुख्य कहानी शुरू होती है।
2. विक्टर फ्रेंकेंस्टाइन का प्रयोग और जीव का निर्माण
विक्टर फ्रेंकेंस्टाइन जिनेवा (Geneva) का एक युवा वैज्ञानिक होता है, जो जीवन की उत्पत्ति के रहस्य को समझने में रुचि रखता है।
वह लाशों के टुकड़ों से एक नया प्राणी बनाता है और उसे जीवन प्रदान करता है, लेकिन वह देखने में भयावह होता है।
उसका रूप विक्टर को भयभीत कर देता है, और वह उसे छोड़कर भाग जाता है।
3. प्राणी का संघर्ष और प्रतिशोध
अकेला छोड़ा गया प्राणी समाज में अपने स्थान को खोजने की कोशिश करता है, लेकिन हर कोई उसे देखकर डर जाता है और नफरत करता है।
वह छिपकर एक गरीब परिवार के जीवन को देखता है और उनसे मानवता, भाषा और भावनाओं को सीखता है।
जब वह उनसे संपर्क करने की कोशिश करता है, तो लोग उसे मारने का प्रयास करते हैं, जिससे वह क्रोधित और बदला लेने के लिए प्रेरित होता है।
4. जीव की मांग और विक्टर का इनकार
प्राणी विक्टर को ढूंढता है और उससे एक साथी (स्त्री रूपी प्राणी) बनाने की मांग करता है ताकि वह अकेला न रहे।
विक्टर पहले तैयार हो जाता है लेकिन बाद में डरकर महिला जीव को नष्ट कर देता है।
यह देखकर प्राणी क्रोधित हो जाता है और प्रतिशोध में विक्टर के प्रियजनों को मारना शुरू कर देता है।
5. त्रासदी और अंत
प्राणी विक्टर के सबसे अच्छे दोस्त हेनरी क्लेवल और उसकी पत्नी एलिज़ाबेथ को मार देता है।
विक्टर अपने बनाए हुए जीव का पीछा करता हुआ उत्तरी ध्रुव तक जाता है, लेकिन वहां ठंड और थकान से उसकी मृत्यु हो जाती है।
अंत में, प्राणी अपने निर्माता की मृत्यु देखकर दुखी हो जाता है और अपने जीवन को समाप्त करने के लिए अज्ञात दिशा में चला जाता है।
मुख्य विषय (Themes)
विज्ञान बनाम नैतिकता – क्या वैज्ञानिकों को जीवन बनाने का अधिकार है?
मनुष्य और समाज का द्वंद्व – समाज के द्वारा अस्वीकार किए जाने पर कोई कैसा महसूस करता है?
पिता-पुत्र का संबंध – विक्टर और प्राणी के बीच एक जटिल संबंध है, जो निर्माता और उसकी सृष्टि का प्रतिनिधित्व करता है।
प्रतिशोध और नियति – कैसे बदले की भावना विनाशकारी हो सकती है।
अकेलापन और स्वीकृति की तलाश – प्राणी की सबसे बड़ी समस्या उसकी अस्वीकृति है।
"Frankenstein" की साहित्यिक और सांस्कृतिक प्रभाव
इस उपन्यास ने विज्ञान-कथा (Science Fiction) को एक नई दिशा दी।
"Frankenstein" का चरित्र हॉलीवुड फिल्मों, नाटकों और टीवी शो में लोकप्रिय हुआ।
यह आज भी विज्ञान और नैतिकता के संबंधों पर बहस के लिए एक महत्वपूर्ण संदर्भ माना जाता है।
"Frankenstein" केवल एक हॉरर कहानी नहीं है, बल्कि यह विज्ञान, नैतिकता और मानवता के जटिल प्रश्नों पर विचार करने वाला गहन उपन्यास है। यह बताता है कि कोई भी प्राणी बुरा पैदा नहीं होता, लेकिन जब समाज उसे नकारता है, तो वह विनाशकारी बन सकता है।
हमारा उद्देश्य केवल सजगता बढ़ाना है ,हम जन साधारण को संतो, ध्यान विधियों ,ध्यान साधना से संबन्धित पुस्तकों के बारे मे जानकारी , इंटरनेट पर मौजूद सामग्री से जुटाते है । हम किसी धर्म ,संप्रदाय ,जाति , कुल ,या व्यक्ति विशेष की मान मर्यादा को ठेस नही पहुंचाते है । फिर भी जाने अनजाने , यदि किसी को कुछ सामग्री सही प्रतीत नही होती है , कृपया हमें सूचित करें । हम उस जानकारी को हटा देंगे ।
website पर संतो ,ध्यान विधियों , पुस्तकों के बारे मे केवल जानकारी दी गई है , यदि साधकों /पाठकों को ज्यादा जानना है ,तब संबन्धित संस्था ,संस्थान या किताब के लेखक से सम्पर्क करे ।
© 2024. All rights reserved.