On the Path to Enlightenment- Dalai Lama
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4/13/20251 मिनट पढ़ें
On the Path to Enlightenment- Dalai Lama
"On the Path to Enlightenment" — यह पुस्तक हिज होलिनेस दलाई लामा की शिक्षाओं का एक सुंदर संग्रह है, जो पाठकों को बौद्ध मार्ग, विशेषकर तिब्बती बौद्ध परंपरा, और ध्यान-आधारित आत्मविकास के रास्ते पर आगे बढ़ने के लिए मार्गदर्शन देती है।
यह पुस्तक मुख्य रूप से ‘Stages of the Path to Enlightenment’ (Lamrim) के सिद्धांतों पर आधारित है, जिसे अतीश दीपंकर और बाद में जी जे चोंखापा ने तिब्बती बौद्ध परंपरा में व्यवस्थित किया।
📚 मुख्य बिंदु (मुख्य विषय-वस्तु) विस्तार से — हिन्दी में
🕉️ 1. धर्म और आध्यात्मिक पथ का महत्व
दलाई लामा कहते हैं कि सच्चा धर्म वह है जो भीतर से परिवर्तन लाए — केवल बाहरी अनुष्ठान या परंपरा से नहीं।
बुद्ध की शिक्षा आत्मनिरीक्षण, करुणा और ज्ञान की ओर ले जाती है।
कोई भी व्यक्ति, चाहे वह किसी भी धर्म को मानता हो या न हो, यदि वह दूसरों के लिए सहानुभूति और करुणा रखता है, वह आध्यात्मिक मार्ग पर है।
🪷 2. Lamrim (मार्ग के क्रमिक चरण) — आत्मज्ञान का संरचित मार्ग
Lamrim की शिक्षाएं आत्मज्ञान की ओर बढ़ने वाले तीन मुख्य श्रेणियों में विभाजित की गई हैं:
🔹 क. नीच (प्रारंभिक) स्तर के अभ्यासी —
मृत्यु का बोध, पुनर्जन्म की सच्चाई, और कर्म का प्रभाव
मृत्यु निश्चित है — पर समय अनिश्चित।
हमारा अगला जन्म हमारे कर्मों पर निर्भर करता है।
इसलिए जीवन का मूल्य समझें और अर्थपूर्ण कार्यों में लगें।
🔹 ख. मध्यम स्तर के अभ्यासी —
दुख की प्रकृति को समझना और मुक्ति की इच्छा करना
संसार का हर अनुभव क्षणिक है और दुःखमय है।
दुख का मूल कारण है आवेदन (तृष्णा) और अविद्या (अज्ञान)।
इसलिए हमें निर्वाण की ओर बढ़ना चाहिए — जहाँ मन शांत, मुक्त और जागरूक हो।
🔹 ग. उच्च स्तर के अभ्यासी —
सभी प्राणियों के लिए बोधिचित्त (Bodhicitta) की भावना
"मैं अकेला मुक्त हो जाऊँ" — यह संकीर्ण सोच है।
सच्चे बौद्ध पथ पर, हम सभी प्राणियों के कल्याण की कामना करते हैं।
बोधिचित्त — वह संकल्प है जिसमें हम कहते हैं:
"मैं बुद्धत्व प्राप्त करूंगा, ताकि सभी प्राणियों को मुक्त कर सकूं।"
🧘♂️ 3. ध्यान (Meditation) और मन की शुद्धि
मन को शांत करने के लिए शमथ (Calm Abiding) और विपश्यना (Insight) ध्यान आवश्यक है।
रोज़ ध्यान से मन एकाग्र, स्थिर और करुणामय बनता है।
आत्म-निरीक्षण और सतत अभ्यास से हम अपनी इंद्रियों, विचारों और प्रतिक्रियाओं पर नियंत्रण पाते हैं।
❤️ 4. करुणा और सहानुभूति का विकास
दलाई लामा कहते हैं कि मनुष्य का मूल स्वभाव दयालु है।
करुणा का अभ्यास सिर्फ ध्यान में नहीं, बल्कि रोज़मर्रा की जिंदगी में होना चाहिए:
दूसरों की बात सुनना
सहानुभूति से समझना
क्षमा करना
जब हम दूसरों की पीड़ा को समझते हैं, तब हमारा हृदय खुलता है और स्व-अहम कम होता है।
🧠 5. प्रज्ञा (Wisdom) और शून्यता (Emptiness)
प्रज्ञा का मतलब है — सच को जैसा है, वैसे देखना।
शून्यता (emptiness) का अर्थ यह नहीं कि कुछ नहीं है, बल्कि यह कि हर वस्तु का अस्तित्व निर्भर है — उसमें कोई स्वतंत्र, स्थायी स्वरूप नहीं होता।
जब हम शून्यता को अनुभव करते हैं, तब हमारे सारे भ्रम और क्लेश (मानसिक अशांति) समाप्त होने लगते हैं।
🕊️ 6. सच्चा बोधिसत्व बनना
बोधिसत्व वह होता है जो स्वयं के बजाय सभी प्राणियों की मुक्ति को लक्ष्य बनाता है।
बोधिसत्व बनने के लिए छह पारमिताओं का अभ्यास ज़रूरी है:
दान (Generosity)
शील (Morality)
क्षमा (Patience)
उत्साह (Diligence)
ध्यान (Meditation)
प्रज्ञा (Wisdom)
🌼 7. दैनिक जीवन में धर्म का प्रयोग
यह पुस्तक सिर्फ ध्यान या बौद्ध दर्शन की बात नहीं करती, बल्कि बताती है कि:
हम क्रोध, ईर्ष्या, और मोह जैसे विकारों से कैसे निपटें।
जीवन को कैसे अर्थपूर्ण बनाएं।
अपने मन को कैसे प्रशिक्षित करें ताकि हम हर परिस्थिति में शांत और सजग रहें।
“On the Path to Enlightenment” पुस्तक से जुड़ी तीन चीज़ों को विस्तार से देखें:
🧘♂️ 1. विशेष ध्यान अभ्यास (Special Meditation Practice)
ध्यान: "मृत्यु का ध्यान – Impermanence & Death"
यह ध्यान हमें सिखाता है कि जीवन क्षणभंगुर है, और इस सत्य को समझकर हम मोह, आलस्य और अहं को छोड़ सकते हैं।
🕯️ अभ्यास विधि:
शांत होकर बैठें, रीढ़ सीधी रखें।
धीरे-धीरे श्वास पर ध्यान केंद्रित करें।
“मैं जीवित हूँ… मैं श्वास ले रहा हूँ।”मन में दोहराएँ:
"मृत्यु निश्चित है।"
"मृत्यु का समय अज्ञात है।"
अब कल्पना करें:
जैसे आप एक कंदील की लौ की तरह हैं, जो किसी भी क्षण बुझ सकती है।
यह विचार भय नहीं लाता, बल्कि सजगता और करुणा लाता है।
कुछ मिनटों तक इस भाव में ठहरें, फिर यह संकल्प लें:
"मैं अपना आज जागरूकता और करुणा में बिताऊँगा।"
💖 2. बोधिचित्त पर केंद्रित साधना (Bodhicitta Practice)
बोधिचित्त का अर्थ है — सभी जीवों की मुक्ति के लिए आत्मज्ञान प्राप्त करने का संकल्प। यह बौद्ध साधना का हृदय है।
🌸 साधना विधि: "Tonglen (टोंग-लेन) ध्यान"
लेना (Len) और देना (Tong) – यह एक विशिष्ट बौद्ध ध्यान है जिसमें हम दूसरों का दुख लेते हैं और उन्हें प्रेम व करुणा भेजते हैं।
🕊️ अभ्यास विधि:
किसी अपने प्रिय व्यक्ति को स्मरण करें — जो पीड़ा में हो।
श्वास भीतर लेते हुए कल्पना करें:
आप उस व्यक्ति का दुख, विषाद, थकावट काले धुएँ के रूप में अंदर ले रहे हैं।
श्वास छोड़ते हुए कल्पना करें:
आप उसे श्वेत प्रकाश, प्रेम, करुणा और शक्ति भेज रहे हैं।
धीरे-धीरे यह अभ्यास अजनबियों और शत्रुओं तक बढ़ाएं।
📝 यह अभ्यास स्व-अहम को तोड़ता है और महाकरुणा की नींव रखता है।
📖 3. एक अध्याय का भावानुवाद — “Developing the Mind of Enlightenment”
(बोधिचित्त के विकास पर आधारित अध्याय)
🌟 भावानुवाद (हिन्दी सारांश):
“यदि तुम वास्तव में अपनी मुक्ति और दूसरों की भलाई चाहते हो, तो तुम अपने हृदय में बोधिचित्त का बीज रोपित करो।
यह बीज धीरे-धीरे करुणा की वर्षा से सींचा जाएगा, और एक दिन यह आत्मज्ञान के विशाल वटवृक्ष में बदल जाएगा।”
✨ अध्याय के मुख्य बिंदु:
स्वार्थपूर्ण मन सीमित है — वह केवल "मैं" और "मेरा" जानता है।
बोधिचित्त इसे तोड़कर “हम सभी” की अनुभूति में बदल देता है।बोधिचित्त अभ्यास का अर्थ है —
“मैं बुद्ध बनूँगा, ताकि मैं सभी प्राणियों को दुख से मुक्त कर सकूं।”प्रेम की सीमाओं को तोड़ना —
“केवल परिवार या मित्रों से प्रेम करना असली करुणा नहीं है।
जब तुम शत्रु को भी अपनी आत्मा का हिस्सा मानो — वही बोधिचित्त है।”हर दिन संकल्प करें:
“आज मैं किसी को पीड़ा नहीं दूँगा, बल्कि उसके दुःख को समझने की कोशिश करूँगा।”बोधिचित्त अभ्यास एक क्रांति है —
यह आत्मकेंद्रित जीवन से बाहर निकलकर सार्वभौमिक करुणा में प्रवेश है।
🎧 Tonglen (टोंग-लेन) ध्यान की ऑडियो स्क्रिप्ट – हिन्दी में
आप इसे पढ़ते हुए स्वयं को निर्देश दे सकते हैं, या इसे रिकॉर्ड करके ध्यान के समय सुन सकते हैं।
यह स्क्रिप्ट लगभग 10–12 मिनट के ध्यान सत्र के लिए उपयुक्त है।
🎙️ 📜 स्क्रिप्ट:
आरंभिक शांति:
"अब धीरे-धीरे शांत होकर बैठ जाएँ। अपनी रीढ़ सीधी रखें। आँखें बंद कर लें।
गहरी साँस लें... और छोड़ें।
ध्यान दें – आप जीवित हैं, साँस ले रहे हैं।
आपका मन इस क्षण में स्थिर हो रहा है।"
श्वास पर ध्यान केंद्रित करें:
"अब अपनी श्वास पर ध्यान दें।
हर साँस के साथ भीतर जाएँ... और फिर बाहर आएँ।
कोई प्रयास नहीं, बस सजग उपस्थिति।"
करुणा जागृत करना:
"अब एक प्रिय व्यक्ति को स्मरण करें…
शायद कोई जो पीड़ा में है, दुख में है, अकेला है।
कल्पना करें — वह व्यक्ति आपके सामने बैठा है।
आप उसके चेहरे की उदासी देख सकते हैं… उसकी आँखों में थकान।"
श्वास लेते हुए दुख को लेना (Tong):
"अब गहरी साँस लें।
कल्पना करें — आप उस व्यक्ति का दुख, तनाव, थकान
एक काले धुएँ की तरह अपने भीतर ले रहे हैं।
आपका हृदय एक प्रकाशवान दर्पण की तरह है —
यह उस अंधकार को भीतर लेता है, और शुद्ध कर देता है।"
श्वास छोड़ते हुए करुणा देना (Len):
"अब साँस छोड़ते हुए कल्पना करें कि
आप अपने भीतर से श्वेत प्रकाश, प्रेम, और शांति उस व्यक्ति को भेज रहे हैं।
वह प्रकाश उसकी आँखों में प्रवेश करता है…
उसके चेहरे पर हल्की मुस्कान आती है।
आपने उसे थोड़ी राहत दी है…"
यह अभ्यास अजनबी/शत्रु पर लागू करें:
"अब किसी ऐसे व्यक्ति को स्मरण करें जिससे आपका मतभेद है…
जिसे आप पसंद नहीं करते।
क्या आप उसके लिए भी यही करुणा रख सकते हैं?
उसके दुख को भी साँस के साथ भीतर लें…
और प्रेमपूर्वक उसे भी प्रकाश भेजें।"
सभी प्राणियों के लिए अभ्यास:
"अब कल्पना करें कि पृथ्वी के असंख्य जीव —
हर प्राणी जो दुख में है, भटक रहा है…
आप सबका दुख, भय, अकेलापन… एक गहरे धुएँ के रूप में भीतर लेते हैं।
और अपने भीतर से बोधिचित्त का प्रकाश
सभी जीवों की ओर भेजते हैं।
आपका मन एक पुल बन गया है —
जहाँ दुख आता है, और करुणा निकलती है।"
समापन:
"अब कुछ देर उसी मौन में ठहरें…
अपने भीतर की शांति को अनुभव करें।
धीरे-धीरे अपनी उंगलियाँ हिलाएँ…
और जब आप तैयार हों, तो आँखें खोलें।
आपने अभी बोधिसत्व की साधना की है।"
📚 Lamrim (Stages of the Path) की अध्याय-वार अध्ययन गाइड – हिन्दी में
Lamrim का अर्थ है: ‘मार्ग के क्रमिक चरण’ – यह आत्मज्ञान की ओर ले जाने वाले बौद्ध सिद्धांतों का क्रमबद्ध मार्ग है। यह एक आत्मिक अभ्यास-पद्धति है, जिसे ध्यान और चिंतन के माध्यम से अपनाया जाता है।
🔖 Lamrim अध्ययन के मुख्य अध्याय (सारांश सहित):
अध्याय क्रम शीर्षक (हिन्दी) प्रमुख शिक्षाएँ
1️ गुरु पर निर्भरता आध्यात्मिक मार्गदर्शक में श्रद्धा और विश्वास
2️ मानव जीवन का मूल्य मनुष्य जन्म दुर्लभ है — इसे अर्थपूर्ण बनाएं
3️ मृत्यु और नश्वरता जीवन क्षणिक है — जागरूकता विकसित करें
4️ संसार के दुख जन्म, रोग, वृद्धावस्था, मृत्यु — सब दुखरूप
5️ कर्म और उसका फल हर क्रिया का परिणाम — सतर्क कर्म आवश्यक
6️ संसार से विमुक्ति की इच्छा संसार के दुखों से मुक्त होने का दृढ़ संकल्प
7️ बोधिचित्त का विकास सभी जीवों की मुक्ति हेतु बुद्धत्व की साधना
8️ बोधिसत्व के छः गुण (पारमिताएँ) दान, शील, क्षमा, उत्साह, ध्यान, प्रज्ञा
9️ शून्यता की प्रतीति सभी वस्तुएँ परनिर्भर और शून्य हैं
10 ध्यान और अभ्यास प्रतिदिन चिंतन और अनुभव की साधना
🔸 पुस्तक के अनुसार, Lamrim अध्ययन को इस प्रकार अपनाएं:
हर सप्ताह 1 अध्याय पर चिंतन और ध्यान करें।
तीन स्तरों (प्रारंभिक, मध्य, उच्च) के अनुसार साधना करें।
अपने जीवन की परिस्थिति में शिक्षाओं को लागू करें।
🔚 निष्कर्ष:
आप Tonglen ध्यान से हृदय को खोलते हैं, और Lamrim गाइड से बुद्धि को सजग करते हैं।
यह दोनों मिलकर बोधिसत्व मार्ग को सुलभ बनाते हैं — एक ऐसा पथ जो हमें जागरूकता, करुणा, और परमार्थ की ओर ले जाता है।
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