Radical Compassion-Tara Brach
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4/19/20251 मिनट पढ़ें
Radical Compassion-Tara Brach
"Radical Compassion" — Tara Brach द्वारा लिखित यह पुस्तक करुणा (compassion) और mindfulness पर आधारित एक गहन मार्गदर्शिका है। इसमें आत्म-स्वीकृति, भावनात्मक उपचार और जागरूक जीवन जीने के लिए व्यावहारिक उपकरण दिए गए हैं। Tara Brach इसमें RAIN नामक एक ध्यान अभ्यास विधि को केंद्र में रखती हैं।
📘 1. RAIN ध्यान प्रक्रिया का परिचय
"Radical Compassion" की नींव है - RAIN:
RAIN का अर्थ है:
R – Recognize (पहचानिए):
अपने भीतर चल रही भावनाओं, विचारों या अनुभवों की ईमानदारी से पहचान कीजिए।
उदाहरण: "मैं गुस्से में हूँ", "मैं दुखी हूँ", "मुझे अकेलापन महसूस हो रहा है।"A – Allow (स्वीकार कीजिए):
उस भावना को वहां रहने दीजिए, उससे लड़िए नहीं।
कहिए: “ठीक है, यह भावना है – इसे अभी रहने देता हूँ।”I – Investigate (जाँच कीजिए):
कोमलता और जिज्ञासा से यह जाँचें कि यह भावना क्यों आई है, इसका स्रोत क्या है?
पूछें: “मुझे क्या चाहिए?”, “मैं क्या अनुभव कर रहा हूँ?”, “मेरे शरीर में यह कहाँ महसूस हो रही है?”N – Nurture (पालन-पोषण कीजिए):
अपने आप को स्नेह, करुणा और आत्म-स्वीकृति दीजिए।
उदाहरण: खुद से कहिए, "मैं तुम्हारे साथ हूँ", “तुम प्यार के योग्य हो।”
🧠 2. आत्म-करुणा और आत्म-स्वीकृति की शक्ति
Tara Brach बताती हैं कि ज़्यादातर लोग "मैं पर्याप्त नहीं हूँ" (I'm not good enough) की भावना से ग्रस्त रहते हैं। यह पुस्तक हमें सिखाती है कि:
आत्म-आलोचना छोड़ना जरूरी है।
अपनी कमजोरियों को भी करुणा से अपनाना आत्म-शक्ति बनाता है।
स्वीकृति से ही बदलाव की शुरुआत होती है।
💓 3. करुणा: दूसरों और स्वयं के प्रति
करुणा केवल दूसरों के प्रति नहीं, खुद के प्रति भी होनी चाहिए।
जब हम अपने दर्द को समझने लगते हैं, तभी हम दूसरों के दर्द को भी महसूस कर पाते हैं।
करुणा हमें जोड़ती है — यह अहंकार को कम करती है और संबंधों को गहरा बनाती है।
🧘 4. शरीर और भावनाओं से जुड़ाव
Tara Brach यह सिखाती हैं कि शरीर हमारी भावनाओं का घर है।
कई बार हम केवल सोचते रहते हैं और अपने शरीर में हो रही हलचलों को नजरअंदाज़ करते हैं।
ध्यान (Mindfulness) और श्वास पर ध्यान देने से हम अपने शरीर और वर्तमान क्षण से जुड़ सकते हैं।
🪷 5. ट्रॉमा और गहरे घावों का उपचार
RAIN तकनीक ट्रॉमा हीलिंग के लिए भी सहायक है।
वह कहती हैं कि भावनात्मक घावों को दबाने के बजाय उन्हें समझना और करुणा से देखना जरूरी है।
यह healing journey आत्म-अन्वेषण और करुणा से होती है।
🌍 6. संबंधों में करुणा का अभ्यास
न केवल खुद के साथ, बल्कि रिश्तों में भी करुणा का व्यवहार आवश्यक है।
यदि कोई व्यक्ति व्यवहार में कठोर है, तो उसके पीछे छुपे दर्द को समझना भी करुणा का हिस्सा है।
"हम सब एक दूसरे के दुख को साझा करते हैं" — यह भावना संबंधों को गहरा बनाती है।
🕊️ 7. जागरूक जीवन (Awakened Living)
जीवन केवल करना नहीं, "होना" भी है।
जागरूकता, करुणा और सहजता से जीना ही आध्यात्मिक जागृति है।
रोज़मर्रा की ज़िंदगी में भी हम ध्यान, RAIN और करुणा को ला सकते हैं।
✨ निष्कर्ष (Conclusion):
"Radical Compassion" एक गहरा आत्म-चिंतन करने वाला ग्रंथ है जो बताता है कि सच्चा परिवर्तन तभी आता है जब हम अपने दुखों को दबाने के बजाय उन्हें करुणा से देखते हैं। Tara Brach हमें यह सिखाती हैं कि:
हम जैसे हैं, वैसे ही पूर्ण हैं।
खुद को समझना और अपनाना ही पहला कदम है मुक्ति की ओर।
हर क्षण में करुणा लाना ही आध्यात्मिक अभ्यास है।
बिलकुल! यहां पर Tara Brach द्वारा विकसित RAIN ध्यान अभ्यास (RAIN Meditation Practice) की एक स्टेप-बाय-स्टेप वर्कशीट हिन्दी में दी गई है। इसे आप दैनिक अभ्यास में शामिल करके अपने भीतर करुणा, जागरूकता और शांति विकसित कर सकते हैं।
🌧️ RAIN ध्यान अभ्यास — Step-by-Step Hindi Worksheet
यह अभ्यास 10-20 मिनट का हो सकता है। आप चाहें तो इसे अकेले में बैठकर, लिखकर या मेडिटेशन की मुद्रा में भी कर सकते हैं।
🪷 1. शांत होकर बैठें और ध्यान केंद्रित करें
एक शांत जगह पर बैठिए।
आंखें बंद कीजिए या हल्की खोलकर एक बिंदु पर टिकाइए।
कुछ गहरी साँसें लीजिए — अपनी उपस्थिति को महसूस कीजिए।
🌧️ R – Recognize (पहचानिए)
“इस समय मेरे भीतर क्या चल रहा है?”
अपने भीतर उठ रही प्रमुख भावना की पहचान कीजिए:
क्या आप चिंतित हैं? क्रोधित? दुखी? अकेले?
इस भावना को नाम दीजिए:
“यह डर है”, “यह शर्म है”, “यह अकेलापन है”, “यह बेचैनी है”
👉 टिप: भावनाओं को शब्द देने से उनका बोझ हल्का होता है।
🌈 A – Allow (स्वीकार कीजिए)
“इस भावना को अभी के लिए रहने देता हूँ।”
उस भावना को अपने भीतर रहने दीजिए — उसे दबाइए नहीं।
खुद से कहिए:
“ठीक है, यह है…”, “मैं इसे महसूस करने दे रहा हूँ”, “यह भावना अभी यहाँ है, मैं इसे स्वीकार करता हूँ।”
👉 टिप: यह स्वीकार्यता बदलाव की पहली सीढ़ी है।
🔍 I – Investigate (जाँच कीजिए)
“यह भावना मेरे भीतर क्यों आई है? इसके पीछे क्या ज़रूरत है?”
कोमलता से खुद से पूछिए:
“मुझे किस चीज़ की ज़रूरत है?”
“मैं कहाँ चोट खाया महसूस कर रहा हूँ?”
“मेरे शरीर में यह भावना कहाँ है?” (जैसे सीने में, गले में, पेट में)
उस जगह पर अपना हाथ रख सकते हैं — एक देखभाल की भावना के साथ।
👉 टिप: इस जाँच में दया होनी चाहिए, आलोचना नहीं।
💗 N – Nurture (पालन-पोषण कीजिए)
“मैं खुद को प्यार और करुणा कैसे दे सकता हूँ?”
खुद को कोमलता से आश्वस्त करें:
“तुम अकेले नहीं हो”, “मैं तुम्हारे साथ हूँ”, “तुम प्रेम और सम्मान के योग्य हो”
एक माँ की तरह अपने भीतर की उस चोटिल भावनाओं की देखभाल करें।
चाहें तो अपनी छाती पर हाथ रखें और गर्मजोशी महसूस करें।
👉 टिप: यह स्टेप healing का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है।
🕊️ अंत में — कुछ क्षण शांत रहिए
पूरी प्रक्रिया के बाद कुछ देर शांति में बैठिए।
देखें कि अब आप कैसा महसूस कर रहे हैं।
खुद के प्रति आभार प्रकट करें कि आपने यह समय अपने लिए लिया।
🧘♀️ प्रतिदिन 10-15 मिनट का अभ्यास करें:
आप इसे निम्न परिस्थितियों में कर सकते हैं:
जब भावनात्मक उथल-पुथल हो।
जब आत्म-आलोचना बढ़ जाए।
जब तनाव या असुरक्षा महसूस हो।
या रोज़मर्रा के शांत अभ्यास के रूप में।
🌟 नोट:
Tara Brach कहती हैं —
"करुणा कोई भावना नहीं, एक क्रिया है।"
RAIN ध्यान के माध्यम से आप वह करुणा खुद को दे सकते हैं जिसकी वास्तव में ज़रूरत है।
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