The Power of Now ( अभी का बल)
Eckhart Tolle (एकहार्ट टॉले)
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11/8/20241 मिनट पढ़ें
The Power of Now (Eckhart Tolle)
अभी का बल (एकहार्ट टॉले)
"अभी का बल" या "The Power of Now" एकहार्ट टॉले की प्रसिद्ध पुस्तक है, जिसमें उन्होंने वर्तमान क्षण में जीने की महत्ता और जीवन के सुख, शांति, एवं समझ का मार्ग दिखाया है। इस पुस्तक में एकहार्ट टॉले ने यह बताया है कि कैसे हमारा मस्तिष्क समय की अवधारणा में उलझकर हमें वर्तमान से काट देता है और हमारी परेशानियों का प्रमुख कारण बनता है।
इस पुस्तक का मुख्य संदेश है कि अभी, यानी वर्तमान क्षण में जीना, सबसे महत्वपूर्ण है। एकहार्ट टॉले बताते हैं कि वर्तमान में जीने से ही हमें आत्मज्ञान, आंतरिक शांति और सुख प्राप्त हो सकता है। उन्होंने यह समझाने का प्रयास किया है कि अतीत और भविष्य के बारे में अत्यधिक चिंता और तनाव हमें दुख और बेचैनी की ओर ले जाता है, जबकि वर्तमान क्षण में ठहरकर जीने से ही हमारी समस्याओं का समाधान निकलता है।
"अभी का बल" या The Power of Now में एकहार्ट टॉले ने विभिन्न पहलुओं पर गहराई से चर्चा की है, जो हमें वर्तमान में जीने और आत्म-जागरण के महत्व को समझने में मदद करते हैं। आइए इन प्रमुख बिन्दुओं का विस्तार से वर्णन करें।
1. मन और चेतना का अंतर
एकहार्ट टॉले के अनुसार, हमारे मस्तिष्क का स्वाभाविक झुकाव है विचारों में खो जाना। हम अपनी सोच और मन की क्रियाओं में इतने उलझ जाते हैं कि उससे ऊपर उठने का ख्याल भी नहीं आता। टॉले बताते हैं कि हमारी आत्म-चेतना (consciousness) और मस्तिष्क की सक्रियता (mind activity) में अंतर है।
जब हम आत्म-चेतना की स्थिति में होते हैं, तो हम विचारों के पीछे छिपे वास्तविक "स्वयं" को समझ पाते हैं। इसका मतलब यह है कि हम विचारों को केवल देख सकते हैं, उन पर प्रतिक्रिया किए बिना। इस स्थिति में हम अपने मस्तिष्क की गतिविधियों से परे जाकर एक शांत अवस्था में पहुँच सकते हैं। यह जानना कि आप "अपने मस्तिष्क नहीं हैं", बल्कि उसके पीछे की चेतना हैं, आपको मस्तिष्क के विचारों के गुलाम बनने से मुक्त करता है।
2. आत्म-पर्यवेक्षण
आत्म-पर्यवेक्षण या self-observation का अर्थ है कि हम स्वयं के विचारों और भावनाओं को एक अलग दृष्टिकोण से देखें, जैसे कि हम अपने ही विचारों के पर्यवेक्षक हैं। एकहार्ट टॉले का कहना है कि हम अपने विचारों से इतने अधिक प्रभावित होते हैं कि वे हमारी भावनाओं, कार्यों और प्रतिक्रियाओं पर हावी हो जाते हैं।
आत्म-पर्यवेक्षण हमें अपने भीतर गहराई में जाने और अपनी वास्तविकता से जुड़ने का अवसर देता है। जब हम अपने विचारों को एक बाहरी पर्यवेक्षक की तरह देखते हैं, तो हमें उन पर नियंत्रण करना आसान हो जाता है। यह प्रक्रिया हमें हमारे भीतर शांति और स्थिरता का अनुभव कराती है।
3. अहंकार से मुक्ति
टॉले ने अहंकार (ego) को इंसान की दुख और पीड़ा का मुख्य कारण बताया है। अहंकार हमारे भीतर की वह पहचान है जो हमें हमेशा भविष्य की चिंता या अतीत के पछतावे में उलझाए रखता है। यह हमारी अलग-अलग पहचान, अनुभव, और समाज में अपनी भूमिका से बनी धारणा है जो हमें भ्रमित कर देती है।
अहंकार हमें सोचने पर मजबूर करता है कि "मैं सबसे महत्वपूर्ण हूँ," और इसी सोच के कारण हम दूसरों से तुलना करते हैं, अपनी कमियाँ और दोष महसूस करते हैं। टॉले बताते हैं कि इस अहंकार को पहचानना और उसे धीरे-धीरे छोड़ना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह हमारी आत्म-चेतना को धूमिल कर देता है। अहंकार से मुक्त होने पर ही हम वास्तविक शांति का अनुभव कर सकते हैं।
4. वर्तमान क्षण का महत्व
पुस्तक का सबसे महत्वपूर्ण सिद्धांत वर्तमान क्षण में जीना है। एकहार्ट टॉले का मानना है कि जीवन वास्तव में वर्तमान में ही होता है। हम अक्सर अतीत के पछतावे या भविष्य की चिंताओं में खो जाते हैं, जिससे हम अपने जीवन के सबसे महत्वपूर्ण और वास्तविक हिस्से यानी वर्तमान से दूर हो जाते हैं।
वर्तमान क्षण में रहकर जीने का अर्थ है हर पल को पूरी तरह से जीना। इसका मतलब यह नहीं है कि हम भविष्य के लिए कोई योजना नहीं बनाएं, बल्कि यह है कि हम अपने हर क्षण को पूर्ण रूप से महसूस करें और अनुभव करें। वर्तमान में रहना हमें तनाव, चिंता, और दुख से मुक्ति दिलाता है।
5. कृतज्ञता और स्वीकार्यता
टॉले के अनुसार, किसी भी स्थिति को स्वीकारना और उसके प्रति कृतज्ञता महसूस करना हमें आंतरिक संतोष और शांति प्रदान करता है। जब हम जीवन की किसी भी परिस्थिति को अस्वीकारते हैं या उसका विरोध करते हैं, तो यह तनाव और संघर्ष को जन्म देता है।
कृतज्ञता का अर्थ है, जो भी हमारे पास है, उसे स्वीकार करना और उसके लिए धन्यवाद देना। इससे जीवन की चुनौतियों को सहन करने और स्वीकार करने में मदद मिलती है। स्वीकार्यता का तात्पर्य है कि हम किसी भी स्थिति को जैसा है वैसा ही स्वीकार करें, चाहे वह हमें पसंद हो या न हो। इस प्रकार की मानसिकता से हमारे भीतर आंतरिक शांति और संतोष की भावना उत्पन्न होती है।
6. ध्यान और ध्यान की शक्ति
एकहार्ट टॉले ने ध्यान को एक शक्तिशाली उपकरण माना है जो हमें वर्तमान में केंद्रित रहने में मदद करता है। ध्यान का मुख्य उद्देश्य मन को विचारों की गति से अलग करना और उसे शांति की स्थिति में लाना है। ध्यान के माध्यम से हम अपने मस्तिष्क की गतिविधियों को शांत कर सकते हैं और हमारे भीतर की स्थिरता को महसूस कर सकते हैं।
ध्यान के द्वारा हम अपने विचारों के प्रवाह को नियंत्रित करने में सक्षम होते हैं और हमें वर्तमान में बने रहने में मदद मिलती है। ध्यान हमें अपने अंदर की गहराई में जाने और हमारे वास्तविक "स्वयं" से जुड़ने का अवसर प्रदान करता है।
निष्कर्ष
इन सभी पहलुओं को समझकर, एकहार्ट टॉले हमें सिखाते हैं कि किस प्रकार वर्तमान में जीना ही जीवन का सच्चा आनंद और शांति का मार्ग है। The Power of Now हमें अपने विचारों से परे जाकर जीवन को नए दृष्टिकोण से देखने की प्रेरणा देती है। वर्तमान क्षण में ध्यान केंद्रित करके और अपने भीतर की चेतना से जुड़कर हम अपने जीवन में सच्चे सुख, शांति, और संतोष को अनुभव कर सकते हैं।
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