The Secret of Secret
"Osho"
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1/4/20251 मिनट पढ़ें
The Secret of Secret-Osho
"The Secret of Secrets" ओशो (भगवान रजनीश) की एक प्रसिद्ध पुस्तक है, जो ताओवाद और जीवन के गहरे रहस्यों पर आधारित है। यह पुस्तक ताओ ते चिंग (लाओत्से द्वारा लिखित) के शिक्षाओं पर आधारित प्रवचन संग्रह है। ओशो ने इसमें ताओ के विचारों को आधुनिक संदर्भ में प्रस्तुत किया है, जिसमें ध्यान, जीवन के अर्थ, आत्मज्ञान और सत्य के प्रति जागरूकता को समझाया गया है।
पुस्तक की मुख्य बातें:
ताओ क्या है?
ताओ को किसी परिभाषा में बांधना संभव नहीं है। यह जीवन का स्वाभाविक प्रवाह है, जो हर जगह है लेकिन जिसे देखा नहीं जा सकता।
ताओ का मतलब है "मार्ग" या "जीवन की प्रकृति"। ओशो बताते हैं कि ताओ के साथ जीने का अर्थ है जीवन को सहजता और स्वाभाविकता से स्वीकार करना।
ध्यान और जागरूकता
पुस्तक में ध्यान (Meditation) पर बहुत जोर दिया गया है। ओशो कहते हैं कि ध्यान ही वह साधन है, जिसके माध्यम से व्यक्ति ताओ को अनुभव कर सकता है।
ध्यान का मतलब है वर्तमान क्षण में पूरी तरह से मौजूद होना और विचारों के शोर से मुक्त होना।
समर्पण और अहंकार का त्याग
ओशो समझाते हैं कि ताओ का अनुसरण करने के लिए व्यक्ति को अपने अहंकार (Ego) को छोड़ना होगा।
जीवन को समर्पण के साथ स्वीकार करना ही आंतरिक शांति और सुख का मार्ग है।
द्वैत से परे जाना
ताओवाद का एक मुख्य सिद्धांत है कि जीवन में कोई भी चीज़ पूर्ण नहीं है और हर चीज़ का विपरीत भी होता है।
उदाहरण के लिए, दिन और रात, सुख और दुख। ओशो कहते हैं कि हमें द्वैत को समझते हुए उसे पार करना चाहिए।
प्रकृति के साथ सामंजस्य
ताओ का अनुसरण करने का अर्थ है प्रकृति के साथ तालमेल बिठाना।
ओशो ने ताओ को समझाने के लिए पानी का उदाहरण दिया है, जो नरम होते हुए भी कठोर चट्टानों को गला सकता है। यह ताओ की कोमल शक्ति को दर्शाता है।
जीवन के लिए पाठ:
पुस्तक यह सिखाती है कि बाहरी चीजों में सत्य की तलाश करने के बजाय, हमें अपने भीतर झांकना चाहिए। ध्यान और जागरूकता के माध्यम से, हम अपने जीवन के गहरे रहस्यों को समझ सकते हैं।
उपरोक्त बिन्दुओं का सार:
1. ताओ क्या है?
ताओ का शाब्दिक अर्थ "मार्ग" या "पथ" है, लेकिन इसे परिभाषित करना लगभग असंभव है। ताओ जीवन की वह स्वाभाविक शक्ति है, जो हर जगह है और हर चीज को जोड़ती है।
ताओ का सार: ताओ कोई धर्म या दर्शन नहीं है, बल्कि यह एक ऐसी अवस्था है, जो जीवन के प्रवाह के साथ संतुलन बनाए रखने की प्रेरणा देती है।
ओशो की व्याख्या: ओशो कहते हैं, ताओ का अर्थ है स्वयं को प्रकृति के साथ समरस करना। जब आप ताओ को समझते हैं, तो आप हर चीज में पूर्णता देख पाते हैं।
उदाहरण: पानी को ताओ का सबसे बड़ा प्रतीक माना गया है। पानी का स्वभाव है, वह हर परिस्थिति के अनुसार ढल जाता है, लेकिन अपनी गहराई और प्रवाह बनाए रखता है।
2. ध्यान और जागरूकता
ओशो के अनुसार, ताओ को अनुभव करने के लिए ध्यान आवश्यक है। ध्यान वह प्रक्रिया है, जिसमें व्यक्ति अपनी आंतरिक स्थिति के साथ जुड़ता है।
ध्यान का अर्थ: यह कोई कठिन साधना नहीं है। ध्यान का अर्थ है, अपनी चेतना को वर्तमान क्षण में लाना और विचारों के शोर को शांत करना।
ओशो का दृष्टिकोण: वे कहते हैं कि हम सामान्यतः भविष्य की चिंता या अतीत के पछतावे में जीते हैं, लेकिन ध्यान हमें वर्तमान में जीने की कला सिखाता है।
उदाहरण: जब आप पूरी जागरूकता से एक फूल को देखते हैं, उसकी सुगंध महसूस करते हैं और उसकी सुंदरता को सराहते हैं, तो आप ध्यान की अवस्था में होते हैं।
3. समर्पण और अहंकार का त्याग
ताओ का अनुसरण करने के लिए सबसे पहली शर्त है अहंकार (Ego) का त्याग।
अहंकार का स्वभाव: अहंकार हमें यह विश्वास दिलाता है कि हम जीवन को नियंत्रित कर सकते हैं। यह हमें स्वाभाविकता से दूर ले जाता है।
समर्पण का महत्व: ओशो कहते हैं, ताओ को अनुभव करने के लिए आपको अपने अहंकार को पिघलाना होगा और जीवन को उसकी संपूर्णता में स्वीकार करना होगा।
उदाहरण: नदी हमेशा समुद्र में समर्पित होती है, क्योंकि वह जानती है कि उसकी पूर्णता समुद्र में विलय में है। इसी प्रकार, मनुष्य को भी ताओ (जीवन के प्रवाह) में समर्पित होना चाहिए।
4. द्वैत से परे जाना
ताओवाद का एक प्रमुख सिद्धांत है "द्वैतवाद" (Duality)। ओशो कहते हैं कि जीवन सुख-दुख, प्रकाश-अंधकार, दिन-रात जैसे द्वैतों का खेल है।
द्वैत को स्वीकार करना: ओशो समझाते हैं कि द्वैत जीवन का हिस्सा है। सुख के बिना दुख और दुख के बिना सुख का कोई अस्तित्व नहीं है।
द्वैत से परे दृष्टि: ताओ का अनुसरण करने का अर्थ है, इन विरोधाभासों को एक ही प्रवाह के दो पहलुओं के रूप में देखना।
उदाहरण: जब आप बारिश का आनंद लेते हैं, तो आपको गीला होना भी स्वीकार करना होगा। सुख और दुख एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।
5. प्रकृति के साथ सामंजस्य
ताओ की मुख्य शिक्षा है कि हमें प्रकृति के नियमों का सम्मान करना चाहिए और उसके साथ सामंजस्य बिठाना चाहिए।
प्रकृति की शिक्षाएँ: प्रकृति हमें सिखाती है कि कुछ भी स्थायी नहीं है। हर चीज परिवर्तनशील है और हमें इस परिवर्तन को अपनाना चाहिए।
ओशो का दृष्टिकोण: वे कहते हैं कि यदि आप प्रकृति के साथ सामंजस्य में रहते हैं, तो आप जीवन की सरलता और गहराई को समझ सकते हैं।
उदाहरण: एक पेड़ कभी अपने फल को रोक कर नहीं रखता। वह फल को गिरने देता है, क्योंकि यही प्रकृति का नियम है। इसी प्रकार, हमें भी अपने जीवन के प्रवाह को रोकने का प्रयास नहीं करना चाहिए।
जीवन के लिए सीख
स्वाभाविकता अपनाएँ: जीवन को नियंत्रित करने की कोशिश न करें। उसे वैसे ही स्वीकार करें जैसा वह है।
ध्यान का अभ्यास करें: खुद को वर्तमान में लाएँ।
अहंकार छोड़ें: अपनी पहचान को जीवन के प्रवाह के साथ विलीन करें।
विपरीत परिस्थितियों को स्वीकार करें: द्वैत को स्वीकार करें और इसे पार करने का प्रयास करें।
प्रकृति से सीखें: उसकी कोमलता और दृढ़ता को समझें।
ओशो की यह पुस्तक एक गहरी प्रेरणा देती है कि ताओ को समझने का अर्थ है, जीवन को उसकी संपूर्णता में अनुभव करना। यह पाठकों को आत्म-जागृति और शांति की ओर ले जाती है।
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