The Wisdom of No Escape- Pema Chödrön
"अभी और यही "
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1/23/20251 मिनट पढ़ें
The Wisdom of No Escape- Pema Chödrön
पेम चोद्रोन की पुस्तक "द विजडम ऑफ नो एस्केप" (The Wisdom of No Escape) एक अद्भुत और गहन पुस्तक है, जो ध्यान, स्वीकृति, और वर्तमान क्षण में रहने की कला पर केंद्रित है। इसमें बौद्ध दृष्टिकोण के माध्यम से जीवन को अपनाने, स्वयं को स्वीकार करने, और आंतरिक शांति प्राप्त करने के तरीके बताए गए हैं। इस पुस्तक के मुख्य बिंदुओं को विस्तार से समझाते हैं:
1. कोई पलायन नहीं (The Wisdom of No Escape)
यह विचार पुस्तक का केंद्रीय बिंदु है। चोद्रोन बताती हैं कि जीवन में कठिनाइयों और चुनौतियों से बचने के बजाय, हमें उनका सामना करना चाहिए।
"पलायन" (escape) की इच्छा अक्सर दर्द और संघर्ष को बढ़ाती है।
जब हम यह समझ लेते हैं कि कोई भागने का रास्ता नहीं है, तो हम वास्तविकता को स्वीकार करने और उससे सीखने में सक्षम होते हैं।
लेखिका का संदेश:
अपने जीवन और अनुभवों को पूरी तरह से अपनाएं।
दर्द, असुरक्षा, और असफलता से बचने की बजाय, उन्हें गहराई से महसूस करें।
2. आत्म-स्वीकृति (Self-Acceptance)
पुस्तक सिखाती है कि स्वयं को पूरी तरह से स्वीकार करना—अपनी कमजोरियों, गलतियों, और असफलताओं के साथ—विकास का पहला कदम है।
अक्सर हम खुद को बदलने या "बेहतर" बनने की कोशिश में अपने वर्तमान स्वरूप को अस्वीकार करते हैं।
लेखिका का दृष्टिकोण:
आत्म-स्वीकृति का अर्थ यह नहीं है कि हम सुधार के लिए प्रयास नहीं करेंगे, बल्कि यह है कि हम खुद को प्यार और करुणा के साथ स्वीकार करें।
जब हम अपने आप को पूरी तरह से स्वीकार करते हैं, तो हम शांत और अधिक सकारात्मक महसूस करते हैं।
3. वर्तमान क्षण में जीना (Living in the Present Moment)
पुस्तक इस बात पर जोर देती है कि ध्यान (meditation) और जागरूकता (mindfulness) के माध्यम से हम वर्तमान क्षण में जीने की कला सीख सकते हैं।
अक्सर हमारा मन अतीत की चिंताओं या भविष्य की अनिश्चितताओं में उलझा रहता है।
लेखिका का सुझाव:
वर्तमान क्षण में रहने के लिए ध्यान का अभ्यास करें।
सांसों पर ध्यान केंद्रित करना और छोटे-छोटे अनुभवों को महसूस करना हमें वर्तमान में रहने की आदत सिखाता है।
4. कठिनाइयों का स्वागत करना (Embracing Difficulties)
जीवन में आने वाली कठिनाइयों और चुनौतियों से बचने की बजाय, उन्हें सीखने और विकसित होने का अवसर मानें।
दर्द और संघर्ष हमें जागरूकता, करुणा, और साहस सिखाते हैं।
उदाहरण:
यदि हम गुस्से या दुख का अनुभव करते हैं, तो उसे दबाने की बजाय, उसे स्वीकार करें। यह समझें कि ये भावनाएँ भी हमारी मानवता का हिस्सा हैं।
5. ध्यान का महत्व (The Practice of Meditation)
ध्यान (meditation) इस पुस्तक का एक महत्वपूर्ण पहलू है। यह न केवल आत्म-जागरूकता बढ़ाता है, बल्कि हमें हमारे विचारों और भावनाओं से जुड़ने में मदद करता है।
ध्यान हमें सिखाता है कि हम अपनी मानसिक स्थिति को बिना जज किए, बिना बचने की कोशिश किए, केवल "देखें"।
लेखिका के ध्यान के सुझाव:
आरंभ करें: बस एक शांत जगह पर बैठें और अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करें।
ध्यान दें: यदि आपका मन भटकता है, तो इसे बिना आलोचना के वापस लाएं।
स्वीकार करें: जो भी विचार या भावनाएँ आएं, उन्हें स्वीकृति के साथ देखें।
6. करुणा (Compassion)
पेम चोद्रोन करुणा (compassion) को आत्म-विकास और आध्यात्मिकता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानती हैं।
करुणा का अर्थ है अपने और दूसरों के प्रति दयालु होना, भले ही वे परिपूर्ण न हों।
करुणा का अभ्यास:
खुद को कठोर आलोचना के बजाय दयालुता से देखें।
दूसरों की गलतियों को समझें और उन्हें माफ करें।
7. आदतों को बदलना (Transforming Habits)
पुस्तक यह भी बताती है कि हम अपने व्यवहार और सोच की आदतों को कैसे बदल सकते हैं।
अक्सर हम पुराने पैटर्न में फँसे रहते हैं, जो दर्द और असंतोष लाते हैं।
कैसे बदलें?
अपनी आदतों को पहचानें और जागरूक रहें।
छोटे-छोटे सकारात्मक बदलाव करें।
धैर्य रखें और अपने साथ दयालु रहें।
8. अनिश्चितता को अपनाना (Embracing Uncertainty)
जीवन स्वभाव से अनिश्चित है, और इसे स्वीकार करना महत्वपूर्ण है।
जब हम अनिश्चितता को गले लगाते हैं, तो हम अधिक लचीले और शांतिपूर्ण बन जाते हैं।
लेखिका का दृष्टिकोण:
अनिश्चितता को भय के बजाय एक संभावना के रूप में देखें।
हर क्षण को एक नए अनुभव के रूप में स्वीकार करें।
9. छोटे कदमों का महत्व (The Importance of Small Steps)
परिवर्तन एक दिन में नहीं होता। छोटे-छोटे कदमों के माध्यम से बड़ी प्रगति की जा सकती है।
ध्यान और जागरूकता का अभ्यास धीरे-धीरे आपकी सोच और जीवन में गहरा बदलाव लाता है।
10. जागरूकता और कृतज्ञता (Awareness and Gratitude)
विस्तार से समझें:
पुस्तक हमें जीवन के छोटे-छोटे पलों की सराहना करना सिखाती है।
जागरूकता और कृतज्ञता से हम अपने जीवन को अधिक अर्थपूर्ण और संतोषजनक बना सकते हैं।
कैसे करें?
रोजाना उन चीजों की सूची बनाएं जिनके लिए आप आभारी हैं।
साधारण पलों, जैसे एक कप चाय का आनंद लेना, को गहराई से महसूस करें।
"द विजडम ऑफ नो एस्केप" हमें यह सिखाती है कि जीवन में पलायन की कोई जरूरत नहीं है।
जब हम अपनी वास्तविकता को पूरी तरह से स्वीकार करते हैं, तो हम अपने भीतर गहरी शांति और संतोष पाते हैं।
ध्यान, जागरूकता, और करुणा के अभ्यास के माध्यम से हम खुद को और दूसरों को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं।
पेम चोद्रोन का संदेश स्पष्ट है:
"हम जहां हैं, जैसे हैं, वहीं से अपने जीवन में जागरूकता और संतोष लाना संभव है।"
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